‘सिख फॉर जस्टिस’ इस खालिस्तानी आतंकवादी संगठन ने लिया प्रधानमंत्री मोदी के काफिले को रुकवाने का दायित्व !

प्रतिबंधित किए गए और अमेरिका से चलाए जाने वाले खालिस्तानी संगठन की ओर से भारत में और वो भी प्रधानमंत्री मोदी के काफिले को रोकने का साहस करता ही कैसे है ? सुरक्षा तंत्र सो रहे हैं क्या ? कि वे खालिस्तानी तंग आ चुके हैं ?  – संपादक

नई दिल्ली – पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वाहन काफिले को किसान आंदोलन  रोकने के मामले का दायित्व प्रतिबंधित ‘सिख फॉर जस्टिस’ (एस.एफ.जे.) इस खालिस्तानी संगठन ने लिया है । साथ ही संगठन  ने फोन कर उच्चतम न्यायालय के एक अधिवक्ता को ‘इस मामले की ओर से आप न्यायालय में न लडें’, ऐसी धमकी भी दी है । इस संगठन ने लगभग ५० अधिवक्ताओं को फोन कर इस प्रकार की धमकियां दी है । अधिवक्ता राहुल कौशिक ने बताया कि, उनको फोन पर धमकी दी गई है । उन्होंने इसकी जानकारी उच्चतम न्यायालय के मुख्य सचिव को दी है । ब्रिटेन से यह फोन किया गया है । एस.एफ.जे. प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू है ।

१. धमकी देने वाले कह रहे हैं कि, वर्ष १९८४ में सिखों की हत्याकांड में पीडितों को अभी तक न्याय मिला नहीं । इस कारण प्रधानमंत्री मोदी की सुरक्षा का प्रकरण न्यायालय में ना चले । (यह सत्य है कि, वर्ष १९८४ में सिख हत्याकांड मामले मेंं अपेक्षित ऐसा न्याय पीडितों को मिला नहीं । इसके लिए अभीतक के सर्वपक्षीय शासनकर्ता, विशेषत: काँग्रेस उत्तरदायी है ! – संपादक)

२. इन धमकियों के विषय में निवृत्त कर्नल आर.एस.एन. सिंह ने कहा कि, इन धमकियों को हल्के में नहीं लेना चाहिए । खालिस्तान से संबंधित मामला अधिक गंभीर हुआ है ।