असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा का परामर्श !
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गुवाहाटी (आसाम) – भूमि अतिक्रमण जैसे सामाजिक संकट से निपटने के लिए घुसपैठिए मुसलमानों से परिवार नियोजन का पालन करवा के देश की जनसंख्या को नियंत्रित करना होगा । असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने जनसंख्या वृद्धि पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा, “यदि जनसंख्या में विस्फोट जारी रहा, तो एक दिन कामाख्या मंदिर की भूमि पर अतिक्रमण कर लिया जाएगा और मेरे घर पर भी अतिक्रमण हो जाएगा ।” वे यहां मीडिया से अतिक्रमण विरोधी अभियानों के बारे में बात कर रहे थे ।
आसाम की कुल जनसंख्या ३.१२ करोड है, जिसमें से ३१ प्रतिशत मुसलमान घुसपैठिए हैं । (ध्यान दें कि जब अल्पसंख्यक एक स्थान पर बहुसंख्यक हो जाते हैं, तो वे राज्य व्यवस्था को प्रभावित करते हैं ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
मुख्यमंत्री सरमा ने आगे कहा,
१. असम में अतिक्रमण विरोधी अभियान चल रहा है । जो विस्थापित हुए हैं, वे घुसपैठिए मुसलमान हैं । हमने पिछले विधानसभा सत्र में जनसंख्या नीति लागू की है । हम विशेष रूप से अल्पसंख्यक मुसलमान समुदाय के साथ काम करना चाहते हैं, जिससे बढती जनसंख्या का बोझ कम हो सके । (एक साथ काम करने का विचार भले ही अच्छा हो, किन्तु प्रश्न यह है कि, इसे कितना प्रतिसाद मिलेगा ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
२. यदि घुसपैठिए मुसलमान सभ्य, परिवार नियोजन अपनाते हैं, तो समस्या कुछ अंश तक दूर हो जाएगी । इसी आधार पर मैं बदरुद्दीन अजमल के दल, ए.आई.यू.डी.एफ. एवं ए.ए.एम.एस.यू. के साथ भी काम करना चाहता हूं ।
बढ़ती जनसंख्या से मंदिरों और मठों पर हो रहा अतिक्रमण !
मुख्यमंत्री सरमा ने कहा कि, किसी को भी जंगलों, मंदिरों और वैष्णव मठों पर अतिक्रमण नहीं करने दिया जाना चाहिए । यदि हम जनसंख्या पर नियंत्रण कर लें, तो अनेक सामाजिक समस्याओं का समाधान हो सकता है ।
विपक्ष की आलोचना !
ए.आ.ई.यू.डी.एफ. पार्टी महासचिव अनिमूल इस्लाम ने मुख्यमंत्री सरमा के परामर्श की आलोचना की है । उन्होंने आरोप लगाया है कि, मुख्यमंत्री का वक्तव्य राजनीति से प्रेरित और एक समुदाय के विरोध में है ।