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अलीगढ (उत्तर प्रदेश) – कैराना के पश्चात अब अलीगढ के टप्पल पुलिस थाने के कार्यक्षेत्र में आनेवाले नूरपुर गांव के हिन्दुओं ने गांव से भागने की चेतावनी दी है । हिन्दुओं ने अपने घरों के बाहर ‘यह घर बिकाऊ है’ ऐसा भी लिखा है । उसकी फोटो सर्वत्र प्रसारित होते ही पुलिस की नींद खुल गई । उन्होंने कलुआ, अंसार, सोहिल, मुस्तकीम, सरफू, फारूक, अमजद, लहरू, तौफीक, सहजोर एवं गांव के एक अधिवक्ता के विरुद्ध प्रकरण प्रविष्ट किया । नूरपुर गांव निवासी ओमप्रकाश ने कहा, २६ मई को उनकी दो बेटियों का विवाह था । जैसे ही बारात हमारे घर पहुंचने वाली थी, धर्मांधों ने उसे एक प्रार्थना स्थल के पास रोक दिया तथा बारातियों के साथ-साथ गांव के हिन्दुओं पर लाठियों से आक्रमण किया । इसमें एक चार पहिया वाहन क्षतिग्रस्त हो गया तथा उसके चालक सहित दो लोग चोटग्रस्त हो गए । इसके पश्चात गांव के हिन्दुओं ने अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए पलायन करने की चेतावनी दी । जब अगले दिन प्रातः मैंने संबंधितों के विरुद्ध पुलिस में परिवाद प्रविष्ट किया, पुलिस ने उनके विरुद्ध कुछ भी कार्रवाई नहीं की। (हिन्दुओं के सामने दादागिरी करने वाले, परंतु धर्मांधों के आक्रमण के सामने घुटने टेकने वाली पुलिस ! ऐसे पुलिस कर्मियों को सेवा नौकरी से निकाल ही देना चाहिए ! – संपादक)
यह एक अत्यंत सुनियोजित आक्रमण था ! – ग्रामीण
ग्रामीणों का कहना है कि, धर्मांधों द्वारा किया गया यह आक्रमण अत्यंत सुनियोजित था । ऐसे होते हुए भी पुलिस ने उनके विरुद्ध कुछ भी कार्रवाई नहीं की । इसीलिए हिन्दुओं ने गांव से पलायन करने की चेतावनी दी ।
नूरपुर गांव में मात्र २० प्रतिशत हिन्दू !
नूरपुर गांव की जनसंख्या ३ सहस्र ५०० है । उसमें से ८० प्रतिशत मुसलमान एवं २० प्रतिशत हिन्दू हैं । गांव में ३ मस्जिद तथा १ बडा मदरसा है । यहां के निवासी राजवीर ने आरोप लगाया है कि, धर्मांधों द्वारा हिन्दुओं पर धर्म परिवर्तन के लिए दबाव डाला जाता है । हिन्दू युवतियों के विवाह में अवरोध डालने का यह पहला ही प्रकरण नहीं है, अपितु २५ अप्रैल एवं ९ मई को भी इसी प्रकार की घटनाएं हुई हैं । इस प्रकरण में खैर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक अनूप प्रधान ने संबंधित लोगों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करने का आदेश प्रशासन को दिया है ।