परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के ओजस्वी विचार

साधना का महत्त्व !

(परात्पर गुरु) डॉ. आठवले

‘साधना के कारण ‘ईश्वर चाहिए’, ऐसा लगने लगे, तो ‘पृथ्वी की कोई वस्तु चाहिए ’, ऐसा नही लगता । इस कारण किसी से ईर्ष्या, मत्सर अथवा द्वेष नही लगता , साथ ही अन्यों के साथ दूरी, झगडे नही होते’

– (परात्पर गुरु) डॉ. आठवले