चैती छठ चैत्र शु.प. ६ (१८ अप्रैल)

     हमारे देश में सूर्योपासना के लिए प्रसिद्ध पर्व है छठ । मूलत: सूर्य षष्‍ठी व्रत होने के कारण इसे छठ कहा गया है । चैत्र शुक्‍ल पक्ष षष्‍ठी पर मनाए जानेवाले छठ पर्व को चैती छठ कहा जाता है । सूर्योपासना का यह अनुपम लोकपर्व मुख्‍य रूप से पूर्वी भारत के बिहार, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश और नेपाल के तराई क्षेत्रों में मनाया जाता है । पारिवारिक सुख-समृद्धि तथा मनोवांछित फलप्राप्‍ति के लिए यह पर्व मनाया जाता है ।

     (संदर्भ : सनातन का ग्रंथ ‘धार्मिक उत्‍सव एवं व्रतों का अध्‍यात्‍मशास्‍त्रीय आधार’)

छठ पर्व किस प्रकार मनाते हैं ?

      यह पर्व चार दिनों का है । पहले दिन सैंधा नमक, घी से बना अरवा चावल और कद्दू की सब्‍जी प्रसाद के रूप में ली जाती है । अगले दिन से उपवास आरंभ होता है । इस दिन रात में खीर बनती है । व्रतधारी रात में यह प्रसाद लेते हैं । तीसरे दिन डूबते हुए सूर्य को अर्घ्‍य अर्थात दूध अर्पित करते हैं । अंतिम दिन उगते हुए सूर्य को अर्घ्‍य चढाते हैं । इस पूजा में पवित्रता का ध्‍यान रखा जाता है; लहसून, प्‍याज वर्ज्‍य होता है । – (जालस्‍थल)