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तिरुनेलवेली – भविष्य में कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने में कोई कठिनाई न हो; इसलिए तमिलनाडु सरकार तिरुनेलवेली के निकट ‘मणिमूर्तिश्वर उच्छिष्ठ गणपति मंदिर’ के सामने स्थित ईसाई कब्रिस्तान को स्थानांतरित करने के लिए सहमति दर्शाई है । गत वर्ष नवंबर में, शहर के पुलिस आयुक्त दीपक दामूर एवं उपायुक्त (कानून और व्यवस्था) एस सरवाना को हिन्दू संगठन ‘लीगल राईट्स ऑब्जर्वेटरी (एलआरओ)’ द्वारा कानूनी नोटिस जारी करने के उपरांत राज्य सरकार ने एक अधिसूचना के अनुसार उपर्युक्त निर्णय लिया है । (क्या हिन्दू संगठन के नोटिस देने तक प्रशासन सो रहा था ? – संपादक)
१. मंदिर के स्वामित्व वाली भूमि पर अवैध रूप से ‘सेक्रेड हार्ट चर्च’ द्वारा, उसका स्वामित्व बताकर, नियंत्रण में ले लिया गया था । चर्च के विरुद्ध कार्रवाई की मांग करने वाले हिन्दुओं को राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के अंतर्गत कारागृह में डाल दिया गया था । (‘चोर को छोड, संन्यासी को फांसी देने’ की उक्ति के अनुसार वर्तन करनेवाली तमिलनाडु की अण्णाद्रमुक सरकार एवं प्रशासन ! वैध अधिकारों की मांग करने वाले हिन्दुओं पर कार्रवाई करनेवालों को कारागृह में डालें ! – संपादक)
The Tamil Nadu government has agreed to get the Christian cemetery built in front of Manimoortheeswaram Uchishta Ganapathy Temple near Tirunelveli shifted to another placehttps://t.co/yXxCQ6vHuF
— OpIndia.com (@OpIndia_com) January 13, 2021
२. इसके पूर्व भी, अगस्त २०१९ में एलआरओ ने उपायुक्त को मंदिर की भूमि पर स्थित अवैध ईसाई कब्रिस्तान हटाने के लिए कहा था । इसका उत्तर देते हुए, तिरुनेलवेली जिलाधीश ने शव को दफनाने पर प्रतिबंध लगाते हुए कहा था कि कब्रिस्तान एक निजी स्थान पर था । इसके उपरांत भी यहां मृतकों को दफनाना जारी था तथा वहां मकबरे बनाए गए थे । (उद्दंड एवं कानूनबाह्य वर्तन करनेवाले ईसाई ! – संपादक)
३. गत वर्ष अक्टूबर में इंदु मक्कल कत्छी के कार्यकर्ताओं ने यहां कब्रों की तोडफोड की थी । उसके पश्चात पादरी और कुछ राजनीतिक दलों ने तिरुनेलवेली की जिलाधीश श्रीमती शिल्पा प्रभाकर सतीश से भेंट कर ‘अपराधियों के विरुद्ध राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के अंतर्गत मुकदमा चलाने की मांग की थी ।’ तदुपरांत, इंदु मक्कल कत्छी के ८ कार्यकर्ता बंदी बनाए गए। (ईसाईयों के दबाव में काम करनेवाले ऐसे प्रशासनिक अधिकारी समाज के हित में क्या साध्य करेंगे ? – संपादक) उनमें से ७ को जमानत पर मुक्त कर दिया गया है, जबकि एक हिरासत में है ।