नेपाल की भूमिका के कारण चीन की छटपटाहट !
यदि भारत के कूटनीतिक प्रयासों के कारण नेपाल, भारत की ओर झुक रहा है, तो यह ठीक है; किंतु जब तक नेपाल की सत्ता में साम्यवादी सरकार है, तब तक वहां के शासकों पर भरोसा करना संकटभरा होगा, यह भी उतना ही सच है !
जिनेवा (स्विट्जरलैंड) – नेपाल ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थन किया, इसके उपरांत नेपाल में चीनी राजदूत, नेपाल के प्रधान मंत्री केपी शर्मा ओली से मिले और इस प्रसंग पर अपनी अप्रसन्नता व्यक्त की । (नेहरू ने संयुक्त राष्ट्र परिषद में चीन की सदस्यता प्राप्त करने में सहायता की थी किंतु आज वही चीन भारत को सदस्यता प्राप्त करने से रोकने के प्रयत्न कर रहा है । चीन का भारतद्वेष समझें !- संपादक)
१. नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप ग्यावली तीन दिवसीय दौरे पर भारत आए थे । उन्होंने भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर से भेंट भी की थी । यात्रा के दौरान अनेक महत्वपूर्ण सूत्रों पर चर्चा की गई ।
२. ग्यावली ने कहा कि नेपाल देशांतर्गत राजनीति में किसी भी हस्तक्षेप को स्वीकार नहीं करेगा । नेपाल आंतरिक समस्याओं को हल करने में सक्षम है । भारत और नेपाल दोनों ही सीमा विवाद को सुलझाने में सक्षम हैं और इस पर विचार कर रहे हैं । (भारत नेपाल के साथ सीमा विवाद पर चर्चा में समय गंवाये बिना वहां की साम्यवादी सरकार को जो भाषा समझ में आए, उसी भाषा में कार्य करना आवश्यक है ! – संपादक)