आंध्र प्रदेश में हिंदुओं को धर्मांतरित कर ६९९ ‘ईसाई गांव’ बनानेवाला पादरी गिरफ्तार

हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियों को लात मारने का भी अपराध

  • जो लोग हिंदुओं को सर्वधर्म समभाव की शिक्षा देकर निद्रिस्त करते हैं, वे अब इसके बारे में बात क्यों नहीं करते या क्या उन्हें लगता है कि इस प्रकार का कृत्य करना धर्मनिरपेक्षता है ?
  • ईसाई मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी के राज्य में इस प्रकार के पादरियों के उभरने के अतिरिक्त और क्या हो सकता है ? क्या हिंदू शासित राज्यों में कभी अन्य धर्मियोंका धर्मांतरण होता है ? इसके विपरीत, यदि कोई हिंदू धर्म में पुनः प्रवेश करता है, तो उसका भी विरोध किया जाता है !
बाएं से, पादरी प्रवीण चक्रवर्ती

गुंटूर (आंध्र प्रदेश) – आंध्र प्रदेश पुलिस ने हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियों को लात मारनेवाले प्रवीण चक्रवर्ती नामक पादरी को गिरफ्तार किया है। इस पादरी ने राज्यमें ‘ईसाई गांव’ (‘क्राइस्ट विलेज’) नाम के ६९९ गांव भी बनाए हैं । ‘लीगल राइट्स प्रोटेक्शन फोरम’ इस संगठन ने उसके ‘सायलम ब्लाइंड सेंटर’ के विरुद्ध २०१९ में केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत भी प्रविष्ट की थी। (हिंदुओं को लगता है कि, गृह मंत्रालय को इस बात का उत्तर देना चाहिए कि, वर्ष २०१९ में शिकायत प्रविष्ट करने के बाद भी उनके विरुद्ध कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई ! – संपादक) । पादरी चक्रवर्ती के विरुद्ध धार्मिक विद्वेष निर्माण करना, धार्मिक स्थानों पर अपराध करना, आदि धाराओं के अंतर्गत अपराध प्रविष्ट किया गया है ।

१. ‘कानूनी अधिकार संरक्षण मंच’ (‘लीगल राईट्‌स प्रोटेक्‍शन फोरम’) इस संगठन द्वारा सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में, वह पादरी, ‘ग्रामीणों को कैसे परिवर्तित करता है।’ यह बताता है । इसमें वह कहता है, बाईबल सबसे पहले एक पादरी को बुलाकर सिखाया जाता है। उसके बाद गाँव का कोई एक व्यक्ति ईसाई को अपना पालनकर्ता मानता है और वह देवताओं की मूर्तियों, पूजनीय वृक्षोंको लात मारता है। इसके बाद, वह गांव ‘ईसाई गांव’ (‘क्राइस्ट विलेज’) बन जाता है । मैंने स्वयं भगवान को लात मारी है और मुझे बहुत आनंद हुआ है ।

(सौजन्य : TV5 news)

२. एक अन्य वीडियो में, एक अमेरिकी अर्पणदाता से बात करते हुए वह कहता है, ‘हमारे संघ में ३ सहस्त्र ६४२ पादरी हैं और हमने अब तक ६९९ ‘ईसाई गांव’ (‘क्राइस्ट विलेज’) बनाए हैं।

३. ‘कानूनी अधिकार संरक्षण मंच’ (‘लीगल राईट्‌स प्रोटेक्‍शन फोरम’) ने ‘राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग’ के साथ भी इस पादरी के विरुद्ध शिकायत प्रविष्ट की है। उसका संगठन बच्चों को बाल श्रम से मुक्त करने के नाम पर विदेशों से दानके रूप में धनराशि एकत्रित करता है ।