हिंदुओं के बडे मंदिरों के पास ईसाई मिशनरी, धर्मांतरण को प्रोत्साहित करते हैं ! – चंद्रबाबू नायडू, अध्यक्ष, तेलुगु देशम

नायडू के वक्तव्य का विरोध करते हुए १३ जिलों के तेलुगु देशम नेताओं ने दिए त्यागपत्र !

  • अगर कोई व्यक्ति ईसाई या मुसलमानों के धर्म के विरुद्ध बोलता है, तो वे इसका विरोध करते हैं, जबकि हिन्दू स्वयं को सहनशील दिखाते हुए निष्क्रिय रहते हैं !

  • ईसाई और मुसलमान नेता पहले ‘ईसाई’ और ‘मुसलमान’ होते हैं और फिर किसी भी पार्टी के नेता, मंत्री या अधिकारी होते हैं, इससे यह स्पष्ट दिखता है !

  • यह एक तथ्य है कि हिन्दू मंदिरों के आसपास ईसाई मिशनरियों की गतिविधियां बढ गई हैं । ध्यान रहे ! ईसाई नेता, मिशनरी लोगों की इन गतिविधियों को छुपाने का प्रयास कर रहे हैं !
चंद्रबाबू नायडू

विजयवाड़ा (आंध्र प्रदेश) – तेलुगुदेशम पार्टी के अध्यक्ष, चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि ईसाई मिशनरी, राज्य के बडे मंदिरों के पास धर्मांतरण को प्रोत्साहित कर रहे हैं । परिणामस्वरूप, तेलुगु देशम पार्टी के १३ जिलों के ईसाई नेता विजयवाड़ा में एकत्र हुए और पार्टी से त्यागपत्र दे दिया । उन्होंने नायडू के वक्तव्य की आलोचना की । इससे पहले, ईसाई संगठनों ने नायडू के वक्तव्य का विरोध करने के लिए प्रदर्शन किए थे और उनसे क्षमा की मांग की थी ।

१. तेलुगु देशम पार्टी के नेता फिलिप टोचर ने कहा, “यह बहुत दुखद है कि मैं पार्टी से इस्तीफा दे रहा हूं । नायडू के वक्तव्य के कारण हमारे समाज के लोग प्रश्न उपस्थित कर रहे हैं ।’’

२. विजयवाड़ा के एक दलित ईसाई नेता, पेरिका वराप्रसाद राव ने आरोप लगाया कि नायडू ने अपने राजनीतिक अस्तित्व को बनाए रखने के लिए ऐसा वक्तव्य दिया है ।

३. वर्ष २०१९ के चुनावों में तेलुगु देशम पार्टी का समर्थन करने वाले एक ईसाई नेता, जॉन बेनी लिंगम ने कृष्णा जिले के पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर कहा है कि, चंद्रबाबू नायडू ही अपने आदमियों से मंदिरों पर आक्रमण करवाकर, ईसाइयों को उत्तरदायी ठहरा रहे हैं ।