उन्नाव (उत्तर प्रदेश) – किसान, कृषि कानूनों का विरोध नहीं कर रहे हैं, अपितु उनका लक्ष्य कुछ है, और हेतु कुछ अलग ही है । असली दुख नागरिकता सुधार अधिनियम और राष्ट्रीय नागरिकता पंजीकरण (एन्.आर.सी.) के कारण है । असली समस्या धारा ३७० को हटाने और अयोध्या में भगवान राम के मंदिर के निर्माण से है । यहां के भाजपा सांसद, साक्षी महाराज ने किसानों के आंदोलन की आलोचना करते हुए कहा कि कृषि अधिनियम का उपयोग अपने क्रोध को दिखाने के लिए किया जा रहा है । “आंदोलनकारी, किसानों में से कई बडे व्यापारी हैं”, उन्होंने दावा किया ।
कांग्रेस शासित राज्यों में किसानों का विरोध !
साक्षी महाराज ने आगे कहा कि, ‘असली किसान तो खेत में काम कर रहा है । अगर आप असली किसानों को देखना चाहते हैं, तो मुरादाबाद में किसानों के सम्मेलन में चलें, मैं आपको असली किसान दिखाऊंगा । प्रदर्शनकारियों में से कुछ के पास ५०० बीघा (४ बीघा का मतलब १ हेक्टेयर) भूमि है, जबकि कुछ के पास हजारों बीघा है । नए कृषि कानूनों के कारण ऐसे लोगों के पेट में दर्द हो रहा है । देशभर में केवल २-३ स्थानों पर ही आंदोलन चल रहा है । पंजाब से लोग सिंघू सीमा पर आ रहे हैं । हरियाणा और राजस्थान से दिल्ली सीमा पर किसान आ रहे हैं ; क्योंकि, दोनों राज्यों में कांग्रेस की सरकारें हैं ।’