कर्नाटक में ब्राह्मण दुल्हन, जो आर्थिक रूप से कमजोर स्वजातीय पुजारी से विवाह करेगी, उसे ३ लाख रुपये की वित्तीय सहायता मिलेगी !

कर्नाटक में भाजपा सरकार का अभिनंदनीय निर्णय !

इसमें आश्चर्य नहीं होना चाहिए, यदि तथाकथित धर्मनिरपेक्ष राजनैतिक दल और संगठन मांग करें कि सरकार को अब मुसलमान महिलाओं को भी सहायता प्रदान करनी चाहिए, यदि वे इमामों और मौलवियों से विवाह करती हैं ।

बेंगलुरू (कर्नाटक) – कर्नाटक राज्य ब्राह्मण विकास मंडल ने ‘अरुंधति’ और ‘मैत्रेयी’ नामक ब्राह्मण समुदाय की कन्याओं के लिए दो योजनाएं आरंभ की हैं । इनके अंतर्गत ब्राह्मण समुदाय की आर्थिक रूप से कमजोर कन्याओं को वित्तीय सहायता दी जाएगी ।

‘अरुंधति’ योजना के अंतर्गत, दुल्हनों को २५ हजार रुपये की वित्तीय सहायता दी जाएगी, जबकि ‘मैत्रेयी’ के अंतर्गत कर्नाटक में पुजारी से विवाह करने वाली ब्राह्मण युवती को ३ लाख रुपये का बांड मिलेगा । ‘अरुंधति’ के अंतर्गत, विवाह योग्य आयु की ५५० ब्राह्मण कन्याओं की पहचान की गई है, तथा २५ कन्याओं को ‘मैत्रेयी’ योजना के लिए चुना गया है ।

१. इन योजनाओं का लाभ उठाने के लिए युवती और युवक का यह पहला विवाह होना आवश्यक है । दुल्हन के परिवार को आर्थिक रूप से कमजोर होने का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा ।

२. कर्नाटक राज्य ब्राह्मण विकास मंडल के अध्यक्ष सच्चिदानंद ने कहा, “हम आर्थिक रूप से पिछडे गरीबों, विशेषकर पुजारियों का कल्याण चाहते हैं । काम की अनिश्चितता ने उनके जीवन को कठिन बना दिया है । वे इस योजना के अंतर्गत प्राप्त धन से व्यवसाय भी कर सकते हैं ।