१. ईश्वर के अधिष्ठानवाली पत्रकारिता !
अ. परात्पर गुरु डॉक्टर आठवलेजी ने ‘पत्रकारिता के माध्यम से धर्म और राष्ट्र से संबंधित उद़्बोधनात्मक विचारों का प्रसार किया ।
आ. ‘सनातन प्रभात’ अर्थात अध्यात्म, ईश्वरनिष्ठा, श्रद्धा और साधना की दृढ नींव पर खडी की गई धर्म एवं राष्ट्र से संबंधित पत्रकारिता । इससे पहले ऐसी पत्रकारिता नहीं हुई, ऐसा नहीं है; परंतु ईश्वर के अधिष्ठानवाली धर्म और राष्ट्र से संबंधित पत्रकारिता पहली बार ही परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी ने प्रारंभ की ।
२. ‘कानून के दायरे मेंरहकर अभियान कैसे करना है ?,
इसका आदर्श पाठ पढानेवाले ‘सनातन प्रभात’ नियतकालिक !
अ. ‘कोई भी समस्या शांति और वैधानिक मार्ग से कैसे सुलझानी चाहिए ?’, इस संबंध में हिन्दू स्वतंत्रता के पश्चात ५ दशक तक भ्रमित थे । परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी ने उनका मार्गदर्शन दिया । उन्होंने सामाजिक अभियान खडा किया । इसमें आध्यात्मिक पत्रकारिता का बडा सहभाग है ।
आ. ‘सनातन प्रभात’ नियतकालिकों में घटी हुई घटनाओं पर कानून के दायरे में रहकर दृष्टिकोण दिए जाते हैं । कानून के दायरे में रहकर ‘सनातन प्रभात’ नियतकालिकों के माध्यम से बडी मात्रा में जनजागरण किया जा रहा है । ‘सनातन प्रभात’ नियतकालिकों के कारण पाठक सक्रिय बने हैं । ‘सनातन प्रभात’ के लेखों के कारण जो साधक सक्रिय थे, उनका मार्गदर्शन मिला तथा जो पाठक सक्रिय नहीं थे, वे सक्रिय बनने हेतु प्रेरित हुए । ‘अभियान शांति के मार्ग से और कानून के दायरे में रहकर कैसे करने चाहिए ?, इसका आदर्श पाठ ‘सनातन प्रभात’ के माध्यम से परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी ने पढाया है तथा संपूर्ण संसार को सिखाया है । यह आदर्श सामने रखकर ‘सनातन प्रभात’ भविष्य में कोई भी अत्यधिक उत्कृष्ट राज्यव्यवस्था बनाने की दृष्टि से कदम उठा सकेगा ।
३. सभी स्तरों पर विरोध होते हुए भी ‘सनातन प्रभात’ की पत्रकारिता केवल ईश्वर के अधिष्ठान के कारण ही किसी के सामने न झुकना शारीरिक, वैचारिक और मानसिक आदि सभी स्तरों पर विरोध होते हुए भी केवल ईश्वर का अधिष्ठान होने के कारण ही ‘सनातन प्रभात’ आज चमक रहा है । जिन अभियानों में ईश्वर का अधिष्ठान नहीं होता, वे कुछ समय उपरांत सिकुड जाते हैं; परंतु विरोध होने पर भी ‘सनातन प्रभात’ नहीं झुका । ‘सनातन प्रभात’ राजनीतिक दल, राजनेता, प्रतिष्ठितों के सामने नहीं झुका । यह संसार की एक अलौकिक घटना है । ‘सनातन प्रभात’ बंद करवाने के लिए स्थूल आक्रमण होकर भी तथा किसी का समर्थन न होते हुए भी सीधा खडा रहनेवाला ‘सनातन प्रभात’ एकमात्र है । इसका एकमात्र कारण है ईश्वर का अधिष्ठान !
– कु. सुप्रिया नवरंगे, सनातन आश्रम, रामनाथी, गोवा. (१.३.२०२०)