‘सनातन प्रभात’ नियतकालिक प्रकाशित होने के उपरांत उसके माध्यम से हिन्दू संगठन का कार्य होने लगा । ‘सनातन प्रभात’ ने सैनिक की भूमिका में समाज के अनुचित कृत्य और अत्याचार के विरुद्ध संघर्ष किया, संघर्ष कर रहा है और संघर्ष करता रहेगा । ‘सनातन प्रभात’ समाज के व्यक्तियों में क्षात्रतेज निर्माण करने की प्रेरणा देता रहेगा, यह निश्चित है !
१. नियतकालिक ‘सनातन प्रभात’ के
माध्यम से व्यापक स्तर पर हो रहा कार्य !
१ अ. व्यापक जनजागृति से हिन्दुओं को सत्य पता चलने पर उनकी भ्रांतियां दूर होना : ‘सनातन प्रभात’ प्रारंभ होने पर उसमें पहले समाजसेवा, राष्ट्ररक्षा और धर्मजागृति के उद्देश्य से समाचार और लेख आते थे । ‘सनातन प्रभात’ में विविध अभियानों के संबंध में जानकारी प्रकाशित करने के कारण समाज के व्यक्तियों में जनजागृति हुई । नियतकालिक ‘सनातन प्रभात’ के माध्यम से ‘देवताओं का अनादर रोकना’ आदि अभियान अनेक वर्षों से निरंतर कार्यान्वित किए जा रहे हैं । ‘सनातन प्रभात’ में हिन्दू जनजागृति समिति और हिन्दू विधिज्ञ परिषद आदि संगठनों द्वारा किए जा रहे धर्मजागृति के कार्य के संबंध में जानकारी प्रकाशित होती है, फलस्वरूप हिन्दू कृत्य करने हेतु प्रेरित हो रहे हैं । महाराष्ट्र और अन्य राज्यों में होनेवाली हिन्दू राष्ट्र-जागृति सभाओं से संबंधित समाचार नियतकालिक ‘सनातन प्रभात’ में प्रकाशित होते हैं । इसलिए हिन्दू जनजागृति समिति और सनातन संस्था द्वारा किए जा रहे व्यापक कार्य का महत्त्व समाज के व्यक्तियों तक पहुंचता है । हिन्दुओं को हिन्दुओं पर हो रहे अन्याय के संबंध में सत्य पता चलने के कारण उनकी नियतकालिक ‘सनातन प्रभात’ के प्रति गलतफहमियां दूर हुईं ।
१ आ. नियतकालिक ‘सनातन प्रभात’ में प्रकाशित जानकारी पढकर पाठकों का सक्रिय बनना : त्योहार और उत्सवों का धार्मिक महत्त्व ‘सनातन प्रभात’ में प्रकाशित होने के कारण पाठक उस प्रकार कृत्य करने लगे हैं । पाठक राष्ट्र और धर्म का कार्य करने हेतु प्रेरित हुए हैं । कुछ पाठकों ने साधना प्रारंभ कर दी है ।
१ इ. ‘लव जिहाद’ के संबंध में आवाज उठानेवाला नियतकालिक ‘सनातन प्रभात’ ! : ‘सनातन प्रभात’ के माध्यम से कुछ वर्षों पूर्व ही ‘लव जिहाद’ के संबंध में आवाज उठाई गई । धर्मांधों द्वारा किए गए लव जिहाद के सैकडों समाचार ‘सनातन प्रभात’ में निरंतर प्रकाशित हुए । तत्पश्चात हिन्दुत्वनिष्ठों में धीरे-धीरे जागृति होने लगी । आज इस प्रश्न ने अतिगंभीर रूप धारण कर लिया है तथा उसकी सत्यता समाज के व्यक्तियों के ध्यान में आई है ।
१ ई. विद्यार्थी और युवकों को धर्मशिक्षा देने की आवश्यकता प्रकाशित करनेवाला एकमात्र नियतकालिक ‘सनातन प्रभात’ ! : ‘सनातन प्रभात’ में विद्यालय और शिक्षकों की उदासीनता, विद्यालयों में होनेवाले अनुचित कृत्यों से संबंधित समाचार स्पष्ट रूप से प्रकाशित हुए । उसमें इतिहास का विकृतीकरण, बच्चों में धर्माचरण के अभाव के दुष्परिणाम आदि विषय प्रभावी रूप से प्रस्तुत किए गए । ‘सनातन प्रभात’ के माध्यम से ‘विद्यार्थियों को नैतिकता के पाठ पढाने चाहिए’, यह विचार समाज के व्यक्तियों के मन में अंकित होने में सहायता मिली । बालसंस्कार, नैतिक मूल्यसंवर्धन, युवा आदि विषयों पर ‘सनातन प्रभात’ में प्रकाशित लेखों के कारण ‘विद्यार्थी और युवकों को धर्मशिक्षा देने की आवश्यकता है’, इस संबंध में समाज के व्यक्तियों में जागृति हुई ।
१ उ. सनातन के साधकों को धर्मप्रसार करने के लिए सहायक होना : आज सनातन के सहस्रों साधक धर्मप्रसार और राष्ट्रजागृति का कार्य करते हैं । वे अपने साथ ‘सनातन प्रभात’ ले जाते हैं । ‘सनातन प्रभात’ रूपी ‘सैनिक’ साधकों के साथ होने के कारण उन्हें वह दिखाकर प्रसार करना सरल होता है ।’
– श्रीमती स्मिता नवलकर, सनातन आश्रम, देवद, पनवेल. (६.३.२०२०)