‘यू.पी.एस.सी. जिहाद’पर प्रतिबंध, तो ‘हिन्दू आतंकवाद’, ‘भगवा आतंकवाद’ दिखानेवाली समाचारवाहिनियों पर आपत्ति क्यों नहीं ?

समाचारवाहिनी ‘सुदर्शन टीवी’ का सर्वाेच्च न्यायालय में वाद-विवाद

नई देहली – ‘सुदर्शन टीवी’ पर चल रहे कार्यक्रम ‘यू.पी.एस.सी. जिहाद’ के विरोध में सर्वाेच्च न्यायालय में सुनवाई चल रही है । इसके अंतर्गत इस वाहिनी द्वारा न्यायालय के सामने प्रस्तुत शपथपत्र में कहा गया है कि ‘हम इस प्रसारण के संदर्भ में सभी नियमों का पालन करने के लिए तैयार हैं; परंतु अन्य वाहिनियों पर ‘हिन्दू आतंकवाद’, ‘भगवा आतंकवाद’ जैसे शब्दों का प्रयोग करने पर कोई आपत्ति नहीं उठाई गई है । इस कार्यक्रम में ‘हिन्दू’ टेरर : मिथक या सच ?’ विषय रखा गया था, तो मुख्य चित्र में एक हिन्दू संत को माथे पर तिलक, हाथ में त्रिशुल और चिलम लिया हुआ दिखाया गया था ।’

१. इस वाहिनी ने कहा है कि ‘‘यू.पी.एस.सी. जिहाद’ शब्द का प्रयोग किया गया; क्योंकि हमें विविध सूत्रों से यह जानकारी मिली कि आतंकवाद से संबंध रखनेवाले कुछ संगठनों द्वारा ‘जकात फाउंडेशन’ को पैसे मिले हैं, जो कट्टरपंथियों को पालने का काम करते हैं । ‘जकात फाउंडेशन’को मिले पैसों का उपयोग आई.ए.एस., आई.पी.एस. बनने का प्रयास करनेवालों के लिए किया जाता है ।

२. न्यायालय ने ‘जकात फाउंडेशन’से भी यह पूछा था कि ‘क्या आप इस प्रकरण में हस्तक्षेप करना चाहते हैं ?’; क्योंकि उनकी भारतीय शाखापर आरोप लगाए गए हैं ।