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यह निर्णय न केवल कोरोना की पार्श्वभूमि पर बल्कि सदैव अपेक्षित है । जैसे अन्य प्रतिष्ठानों में कार्य की अपेक्षित पूर्ति न करनेवाले कर्मचारियों के वेतन में कटौती की जाती है अथवा उसे रोका जाता है उसी प्रकार सांसदों के कार्यों का मूल्यांकन करके उसमें निहित अभाव के अनुसार सांसदों के वेतन में भी कटौती की जानी चाहिए अथवा उसे रोकना चाहिए, जनता की ऐसी मांग है ।
नई देहली – १८ सितंबर २०२० को राज्यसभा में सांसदों के वेतन, भत्ता तथा निवृत्ति वेतन सुधार विधेयक पारित किया गया । इस कारण अगले वर्ष के लिए सांसदों के वेतन में तीस प्रतिशत कटौती होगी । इनमें प्रधान मंत्री, मंत्री मंडल के अन्य मंत्री, राज्यमंत्री और सांसदों का समावेश है, ऐसा बताया जा रहा है कि यह निर्णय कोरोना की पार्श्वभूमि पर लिया गया है । संसदीय कार्यमंत्री प्रल्हाद जोशीजी ने लोकसभा में यह विधेयक पेश किया था ।
Rajya Sabha Passes Bills To Reduce Salaries And Allowances Of Ministers, MPs By 30 Per Centhttps://t.co/m0QUFsOsQe
— Swarajya (@SwarajyaMag) September 18, 2020
संसद के दोनों सभागृहों में सात सौ नब्बे सांसद हैं । इनमें से लोकसभा मेें पांच सौ पैंतालीस तो राज्यसभा में दो सौ पैंतालीस सदस्य रहते हैं । वर्तमान लोकसभा में पांच सौ बयालीस तो राज्यसभा में दो सौ अडतीस सदस्य कार्यरत हैं । कुल सांसद संख्या सात सौ अस्सी है ।