फरीदाबाद (हरियाणा) – सनातन संस्था की ओर से साधना का हमारे जीवन में महत्त्व व शास्त्रानुसार श्रीकृष्ण जन्माष्टमी कैसे मनाएं, इस विषय पर देहली व फरीदाबाद के जिज्ञासुओं के लिए ऑनलाइन प्रवचन का आयोजन किया गया । इसका लाभ ६० जिज्ञासुआें ने लिया । हमारे जीवन में सुख-दु:ख क्यों आते हैं, साधना से इन पर कैसे मात कर सकते हैं, हमें कौनसा नामजप करना चाहिए ?, इस विषय पर श्रीमती संदीप मुंजाल ने उपस्थितों को जानकारी दी । अभी कोरोना के काल में भी हम श्रीकृष्ण जन्माष्टमी कैसे मनाएं, इस विषय पर श्रीमती पूनम अरोरा ने उपस्थितों को जानकारी दी । प्रवचन के अंत में उपस्थित जिज्ञासुओं का विषय से संबंधित शंकाआें का समाधान किया गया ।
सनातन प्रभात > Post Type > साधना > सनातन संस्था की ओर से श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के उपलक्ष्य में ऑनलाइन प्रवचन
सनातन संस्था की ओर से श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के उपलक्ष्य में ऑनलाइन प्रवचन
नूतन लेख
- साधको, दास्यभाव के प्रतीक रामभक्त हनुमानजी की भांति अंतर में सेवकभाव उत्पन्न कर स्वयं में विद्यमान अहं का निर्मूलन करने का प्रयास करें !
- साधको, स्वभावदोष एवं अहं निर्मूलन की प्रक्रिया लगन से कर मानव जीवन का ध्येय ‘आनंदप्राप्ति’ साध्य कर लें !
- ‘सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी की कृपा से ‘सनातन के साधक आनंद में रहनेवाले जीव हैं, इसकी प्रतीति लेनेवाले समाज के विभिन्न व्यक्ति !
- सनातन का ग्रन्थ
- साधकों को संतों के सत्संग में कुछ न बोलना हो, तब भी सत्संग से होनेवाले लाभ प्राप्त करने के लिए उन्हें सत्संग में बैठना चाहिए !
- स्वभावदोष एवं अहं निर्मूलन हेतु निरंतर प्रयासरत तथा परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के प्रति अपार भाव एवं दृढ श्रद्धा रखनेवालीं कतरास (झारखंड) की सनातन की ८४ वीं (समष्टि) संत पू. (श्रीमती) सुनीता खेमकाजी (आयु ६३ वर्ष) !