धनबाद (झारखंड) – गुरुसेवा की तीव्र लगन, उत्साही, प्रेमभाव से युक्त, सतत सीखने की स्थिति में रहनेवाली धनबाद की साधिका श्रीमती सोम गुप्ता (आयु ६४ वर्ष) ने श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन ६१ प्रतिशत स्तर प्राप्त कर जन्म-मृत्यु के चक्र से मुक्त हुईं, ऐसी घोषणा सनातन की संत पू. सुनीता खेमकाजी ने जन्माष्टमी के अवसर पर साधकों के लिए आयोजित ऑनलाइन सत्संग में की । यह सुनते ही सोम दीदी के साथ साधकों की भी भावजागृति हो गई । इसमें श्रीमती सोम गुप्ता के पति श्री. शिवकुमार गुप्ता और मुंबई से उनकी बेटी श्रीमती भारती के साथ झारखंड, बंगाल व पूर्वोत्तर भारत के साधक भी सहभागी हुए थे । इस अवसर पर सनातन के संत पू. प्रदीप खेमकाजी की वंदनीय उपस्थिति व मार्गदर्शन का लाभ साधकों को मिला । श्रीमती सोम गुप्ता ने मनोगत व्यक्त करते हुए बताया कि ‘मेरी गुरुदेव से एक ही प्रार्थना होती थी कि मुझे गुरुचरणों की धूल बना लें । केवल गुरुदेव की कृपा से ही आज का दिन जीवन में आया, इसके लिए कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए शब्द ही नहीं ।’ जमशेदपुर की कु. मधुलिका शर्मा ने बाताया कि काकू में सेवा की तीव्र लगन है । इस आयु में भी वे स्वयं दोपहिया वाहन पर हिन्दी पाक्षिक ‘सनातन प्रभात’ का ७७ अंकों का वितरण ४ दिनों में पूर्ण करती हैं । ‘सनातन प्रभात’ आने पर ‘यह गुरुदेवजी का प्रसाद है और वह तुरंत सभी को देना चाहिए’, ऐसा उनका भाव रहता है ।
दीदी जब ऑस्ट्रेलिया अपने बेटे के पास गई थीं । उस कालावधि में पाक्षिक का वितरण न रुके इसलिए दीदी ने अपने पहचानवाले एक लडके को अपनी स्कूटी, उसके पेट्रोल के पैसे देकर गईं ।