बेळगांव (कर्नाटक) – सनातन संस्था के ८७ वें संत पू. डॉ. नीलकंठ अमृत दीक्षितजी (९२ वर्ष) ने २७ जुलाई को रात ९.३५ बजे यहां अपने घर में देहत्याग किया । २८ जुलाई को सवेरे उनका अंतिम संस्कार किया गया । वे रामनाथी (गोवा) स्थित सनातन आश्रम में पूर्णकालीन साधिका श्रीमती अंजली कणगलेकर के पिता तथा पूर्णकालीन साधक डॉ. अंजेश कणगलेकर और श्री. सत्यकाम कणगलेकर के दादा थे । उनके पश्चात परिवार में पत्नी, २ बेटे, १ बेटी, पुत्रवधुएं, जमाई, पोता और नाती हैं । सनातन परिवार दीक्षित और कणगलेकर परिवार के दुःख में सम्मिलित है ।
सनातन प्रभात > Post Type > साधना > बेळगांववासी सनातन के संत पू. डॉ. नीलकंठ अमृत दीक्षित (९२ वर्ष) का देहत्याग !
बेळगांववासी सनातन के संत पू. डॉ. नीलकंठ अमृत दीक्षित (९२ वर्ष) का देहत्याग !
नूतन लेख
- साधको, दास्यभाव के प्रतीक रामभक्त हनुमानजी की भांति अंतर में सेवकभाव उत्पन्न कर स्वयं में विद्यमान अहं का निर्मूलन करने का प्रयास करें !
- साधको, स्वभावदोष एवं अहं निर्मूलन की प्रक्रिया लगन से कर मानव जीवन का ध्येय ‘आनंदप्राप्ति’ साध्य कर लें !
- लोकसभा चुनाव के उपरांत असम में लागू होगा समान नागरिक कानून !
- ‘सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी की कृपा से ‘सनातन के साधक आनंद में रहनेवाले जीव हैं, इसकी प्रतीति लेनेवाले समाज के विभिन्न व्यक्ति !
- सनातन का ग्रन्थ
- साधकों को संतों के सत्संग में कुछ न बोलना हो, तब भी सत्संग से होनेवाले लाभ प्राप्त करने के लिए उन्हें सत्संग में बैठना चाहिए !