चीन के हाथ का खिलौना बने नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली का ‘चीनी आविष्कार !’
प्रभु श्रीरामजी के नेपाली होने का हास्यास्पद दावा !
- चीन के पीछे लगकर प्रतिदिन भारत को चिढानेवाले नेपाल के सत्ताधारी कम्युनिस्ट दल के प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली को सत्ताच्युत करने तथा वहां भारतसमर्थक राज्यकर्ताआें को सत्ता पर बिठाने हेतु अब भारत को प्रधानता लेनी चाहिए !
काठमांडू (नेपाल) – नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली ने यह ‘चीनी अविष्कार’ करते हुए कहा है कि भारत में स्थित अयोध्या फर्जी है । १३ जुलाई को यहां आयोजित कवि भानुभक्त आचार्य की जयंती के उपलक्ष्य में अपने निवास पर आयोजित कार्यक्रम में वे ऐसा बोल रहे थे । ओली ने कुछ दिन पूर्व यह आरोप लगाया था कि‘भारत मुझे सत्ता से हटाने हेतु षड्यंत्र रच रहा है ।’ साथ ही उन्होंने यह विद्वेषपूर्ण दावा भी किया था कि‘भारत से हो रहा कोरोना विषाणुआें का संक्रमण चीन एवं इटली से हो रहे संक्रमण से भी अधिक घातक है ।’
Real Ayodhya lies in Nepal, not in India. Lord Ram is Nepali not Indian: Nepali media quotes Nepal Prime Minister KP Sharma Oli (file pic) pic.twitter.com/k3CcN8jjGV
— ANI (@ANI) July 13, 2020
ओली ने आगे कहा कि ‘भारत ने ऐतिहासिक तथ्यों से छेडछाड की है । हम यह मानते हैं कि हमने राजकुमार राम को सीता दी थी; परंतु हमने सीता को भारत में स्थित अयोध्या के राजकुमार को सीता नहीं दी थी, अपितु नेपाल के राजकुमार को सीता दी थी । अयोध्या गांव नेपाल के बीरगंज के पश्चिम में है । यदि भारत की अयोध्या सच्ची है, तो वहां के राजकुमार विवाह के लिए जनकपुर कैसे आए ? ज्ञान एवं विज्ञान की उत्पत्ति एवं विकास नेपाल में ही हुआ है ।’
विपक्ष के नेताआें ने के.पी. शर्मा ओली को कराया वास्तविकता का भान
प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली द्वारा अयोध्या के संदर्भ में दिए गए वक्तव्य का उन्हीं के देश के विपक्ष के नेताआें से खुलेआम विरोध किया जा रहा है । नेपाल के अनेक नेताआें ने उन्हें वास्तविकता का भान कराते हुए कहा कि ‘आजकल भारत और नेपाल में तनाव का वातावरण है, ऐसे में ओली को इस प्रकार वक्तव्य नहीं देने चाहिए ।’ नेपाल के प्रजातंत्री दल के सहअध्यक्ष कमल थापा ने इसपर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ‘प्रधानमंत्री ओली भारत और नेपाल के मध्य के तनाव को न्यून करने के स्थान पर उसे बढावा दे रहे हैं ।’