अजीत डोवाल और चीन के विदेश मंत्री के मध्य चर्चा का परिणाम
चीन पर सर्व स्तरों से दबाव डालने के पश्चात चीन वापस लौटा है, यह ध्यान में रखकर ऐसा ही दबाव स्थायी रूप से बनाए रखने की आवश्यकता है, जिससे चीन पुनः इस प्रकार की घुसपैठ नहीं करेगा । उसी प्रकार यद्यपि विश्वासघाती चीन वापस लौटा है, तथापि भारत को सदैव सतर्क रहना पडेगा !
लेह (लद्दाख) – भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल और चीन के विदेश मंत्री में ‘वीडियो कॉन्फरेन्सिंग’ द्वारा हुई चर्चा के पश्चात चीन ने उसकी सेना गलवान घाटी में जिस स्थान पर है, उस स्थान से २ किलोमीटर पीछे ले जाने की तैयारी दर्शाई है । इसके पश्चात चीन की सेना ने पीछे लौटना प्रारंभ भी कर दिया है । इससे पूर्व दोनों देशों के ‘कॉर्प्स कमांडर’ की भी बैठक हुई थी । चीनी सेना के पीछे लौटने के कृत्य पर भारतीय सेना का विशेष ध्यान है ।
१. चीन की सेना गलवान सहित पैंगांग तालाब के पास फिंगर पॉईंट ४ से फिंगर पॉईंट ८ तक पहुंच गई है; परंतु चीन ने वहां के बंकर और अन्य निर्माणकार्य नष्ट नहीं किए हैं । अप्रैल के मध्य तक भारतीय सेना फिंगर ७ तक गश्त करती थी । इसलिए भारत की मुख्य मांग थी कि चीनी सेना फिंगर ८ तक पीछे लौटे ।
( सौजन्य : Republic World )
२. इससे पूर्व संपूर्ण पूर्वी लद्दाख में अप्रैल के मध्य तक जो स्थिति थी, वही स्थिति बनाने की भारत की मांग है । इससे पूर्व कॉर्प्स कमांडर की बैठक में जो निश्चित हुआ था, उस पर क्रियान्वयन करते समय चीन ने विश्वासघात किया था । इसलिए १५ जून को हुए संघर्ष में २० भारतीय सैनिक वीरगति को प्राप्त हो गए थे तथा चीन के ४३ सैनिक मारे गए थे ।