देहली – यहां के प्रगति मैदान में ४ से १२ जनवरी २०२० तक हुए विश्व पुस्तक मेले में सनातन संस्था द्वारा आध्यात्मिक ग्रंथों की प्रदर्शनी लगाई गई ।
१७ भाषाओं में ३२२ ग्रंथों की ७८ लाख ५४ हजार से अधिक प्रतियां प्रकाशित हो चुकी हैं । ग्रंथ-प्रदर्शनी में सनातन की शास्त्रीय परिभाषा में लिखी अद़्भुत और अद्वितीय ग्रंथसंपदा का लाभ हजारों जिज्ञासुओं ने लिया और इस प्रदर्शनी को उत्तम प्रतिसाद मिला ।
ग्रंथ-प्रदर्शनी पर विविध मान्यवरों का आगमन
मध्य प्रदेश के भूतपूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ग्रंथ-प्रदर्शनी का अवलोकन किया । संस्था की ओर से उन्हें ‘श्री गंगाजी की महिमा’ ग्रंथ भेंट दिया गया । उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने ग्रंथ-प्रदर्शनी का अवलोकन कर, संस्था के कार्य की प्रशंसा की । राज्यसभा सांसद डॉ. सत्यनारायण जटिया ने संस्था का अध्यात्मप्रसार का कार्य जानकर बहुत प्रसन्नता व्यक्त की ।
क्षणचित्र
१. विविध दूरदर्शन वाहिनियों ने सनातन संस्था की ग्रंथ-प्रदर्शनी की प्रस्तुति देखकर, उसका छायाचित्रांकन किया, जैसे दूरदर्शन, इण्डिया टुडे, विराट वैभव, ए एन आई आदि ।
२. कुछ अभिभावक प्रदर्शनी देखने के उपरांत अपने बच्चों को भी प्रदर्शनी पर लेकर आए । बच्चों में अच्छे संस्कार हों, इस हेतु अभिभावकों ने बच्चों को ग्रंथ लेने के लिए प्रेरित किया ।
३. इस समय कुछ न्यूरो साइंटिस्ट ने आकर सनातन के ग्रंथों से निकलनेवाली सकारात्मक ऊर्जा का ऑरा जांचा और बताया कि इन ग्रंथों से बहुत ही सकारात्मक ऊर्जा प्रक्षेपित हो रही है ।
४. संस्था की प्रदर्शनी के पास ही स्थित ‘केंद्रीय हिन्दी संस्थान’ के कार्यकर्ताओं ने भी उनके यहां आए ग्राहकों को सनातन की प्रदर्शनी देखने का सुझाव दिया और हिन्दू धर्म का महत्त्व बताया ।
५. एक व्यक्ति ने अपना अभिमत देते हुए कहा, ‘‘आपके प्रदर्शनी केंद्र पर आकर मुझे प्राणशक्ति मिल रही है ।’’
सनातन संस्थी की इस ग्रंथ प्रदर्शनी पर सनातन द्वारा प्रकाशित किए गए ग्रंथ लगाएं गए थे । जैसे अध्यात्म, राष्ट्ररक्षण, धर्म, साधना, धार्मिक कृतियां, आचार पालन, बालसंस्कार, आयुर्वेद आदि ।