परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के ओजस्वी विचार

‘पहले के समय में प्रजा सात्त्विक थी । अतः ऋषियों को समष्‍टि प्रसारकार्य नहीं करना पडता था । वर्तमान में कलियुग के अधिकतर लोग साधना नहीं करते, इसलिए संतों को समष्‍टि प्रसारकार्य करना पडता है !’ – (परात्‍पर गुरु) डॉ. आठवले 

विजयादशमी से हिन्‍दू समाज और देशहित की रक्षा के लिए सीमोल्लंघन करें !

‘वर्ष २०२१ ते २०२३ का काल जागतिक विश्‍वयुद्ध का होगा । इस काल में भारतीय सेना को भी सीमोल्लंघन करना
पडेगा ।

परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के ओजस्वी विचार

विज्ञान के पास बहुत अल्‍प और अधूरी जानकारी होती है । इसीलिए कोई सिद्धांत निश्‍चित करने के लिए उसे बार-बार शोध करना पडता है । इसके विपरीत, अध्‍यात्‍म में सब ज्ञात रहता है; इसलिए ऐसा नहीं करना पडता ।

परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के ओजस्वी विचार

‘तीसरा विश्‍वयुद्ध अत्‍यधिक महाभयंकर होगा । भारत को भी इसमें फंसाया जाएगा । तीसरे विश्‍वयुद्ध के कारण पृथ्‍वी पर रज-तम बडी मात्रा में बढेगा । इसलिए तीसरे विश्‍वयुद्ध के उपरांत संपूर्ण पृथ्‍वी की सात्त्विकता बढाने के लिए पृथ्‍वी की शुद्धि करनी पडेगी ।

परात्‍पर गुरु डॉ. आठवलेजी के ओजस्‍वी विचार

‘पैसा कमाने की तुलना में उसका त्‍याग करना अधिक सुलभ है, तब भी मनुष्‍य वह नहीं करता, यह आश्‍चर्य है !’
– (परात्‍पर गुरु) डॉ. आठवले 

आपातकाल में जीवनरक्षा हेतु आवश्यरक पूर्वतैयारी

आपातकालीन लेखमाला के इस लेख में हम परिवार के लिए आवश्‍यक नित्‍योपयोगी वस्‍तुआें के विषय में समझेंगे । ये वस्‍तुएं कौन-सी हैं, ऋतुआें के अनुरूप आवश्‍यक वस्‍तुएं, सुरक्षा के लिए आवश्‍यक वस्‍तुएं आदि के विषय में इस लेख में जानकारी दी गई है ।

परात्‍पर गुरु डॉ. आठवलेजी के ओजस्‍वी विचार

‘अभिव्‍यक्‍ति स्‍वतंत्रता के कारण मनुष्‍य दिशाहीन हो जाता है; क्‍योंकि उसमें सात्त्विकता नहीं है । ऐसा न हो, इसलिए उसे धर्मबंधन अनिवार्य है !’
– (परात्‍पर गुरु) डॉ. आठवले

आपातकाल में जीवनरक्षा हेतु आवश्‍यक पूर्वतैयारी

आपातकाल संबंधी इस लेखमाला में अभी तक हमने ‘भोजन के अभाव में भूखे न रहना पडे, इसके लिए क्‍या करें’, साथ ही अनाज का रोपण, गोपालन इत्‍यादि विषय देखे । मनुष्‍य पानी के बिना नहीं जी सकता और बिजली के बिना जीवन जीने की कल्‍पना भी नहीं कर सकता ।

परात्‍पर गुरु डॉ. आठवलेजी के ओजस्‍वी विचार

‘जो ऋषि-मुनि साक्षात ईश्‍वर का शोध कर पाए, उनके लिए वर्तमान वैज्ञानिकों और शास्‍त्रज्ञों की खोज खिलौने समान लगती होगी !’

‘ऑनलाइन’ नवम ‘अखिल भारतीय हिन्‍दू राष्‍ट्र अधिवेशन’ हेतु संदेश

युद्धकाल में सत्त्वगुणी हिन्‍दुआें की रक्षा करने की तैयारी करें ! नवम ‘अखिल भारतीय हिन्‍दू राष्‍ट्र अधिवेशन’ में उपस्‍थित सर्व धर्मबंधुआें को मेरा नमस्‍कार ! हिन्‍दू राष्‍ट्र की स्‍थापना का ध्‍येय रखकर आप सभी त्‍याग कर रहे हैं । वर्ष २०२३ में इस त्‍याग का फल निश्‍चित ही हमें हिन्‍दू राष्‍ट्र के रूप में मिलेगा … Read more