घोर आपातकाल में नई-नई आध्यात्मिक उपचार-पद्धतियों का शोध कर मानवजाति के कल्याण हेतु परिश्रम करनेवाले परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी !

सामान्य लोगों में अपने आस-पास अथवा हमारे जीवन में होनेवाली गतिविधियों के संदर्भ में जानने की जिज्ञासा होती है । आगे की साधनायात्रा में साधक के मन में मैं कहां से आया, मेरा लक्ष्य क्या है, मुझे कहां जाना है ? आदि प्रश्‍न उठते रहते हैं ।

उच्च कोटि की जिज्ञासा के कारण सूक्ष्म जगत से संबंधित अमूल्य ज्ञान का कोष मानवजाति को उपलब्ध करानेवाले ज्ञानगुरु परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी !

प्राणशक्ति (जीवनी शक्ति) बहुत अल्प होने पर भी परात्पर गुरु डॉक्टरजी अपने आसपास होनेवाली प्रत्येक घटना का निरीक्षण करते रहते हैं और उनके विषय में तुरंत लिखकर रखते हैं । ऐसे प्रत्येक निरीक्षण के विषय में वे साधकों से बात कर उससे संबंधित छोटी-छोटी बातें समझ लेते हैं ।

सर्वज्ञ होते हुए भी जिज्ञासा से प्रत्येक कृत्य के पीछे का शास्त्र समझनेवाले गुरुदेवजी !

परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के मार्गदर्शन में ३० अप्रैल २००८ को वेद, शास्त्र आदि अध्ययन करनेवालों के लिए ‘सनातन पुरोहित पाठशाला’ स्थापित की गई । ‘प्रत्येक धार्मिक विधि शास्त्र समझकर ‘साधना’ के रूप में करनी चाहिए’, इस संबंध में परात्पर गुरु डॉक्टरजी ने यहां शिक्षा ग्रहण करनेवालों का मार्गदर्शन किया है ।

विविध संतों के मार्गदर्शन अनुसार प्रत्यक्ष आचरण कर अध्यात्मशास्त्र का अध्ययन करनेवाले परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी !

डहाणू के प.पू. अण्णा करंदीकरजी आयुर्वेदिक चिकित्सालय में रोगियों को देखने के लिए प्रतिमास ३ दिन दादर आते थे । तब प.पू. डॉक्टरजी के एक मित्र ने उन्हें प.पू. अण्णा करंदीकरजी की जानकारी दी ।

परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के ओजस्वी विचार

हिन्दुओं, संपूर्ण विश्‍व में ही नहीं, अपितु हिन्दू बहुसंख्यक भारत में भी हिन्दुओं के लिए दुःखदायक समाचार, मृतवत हिन्दुओं के कारण बढ रहे हैं । इससे निराश न होकर साधना करते रहें ।

परात्पर गुरु डॉ. जयंत आठवलेजी के ७८ वें जन्मदिन के उपलक्ष्य में दो ‘ऑनलाइन’ भावसत्संगों के द्वारा साधकों ने व्यक्त की कृतज्ञता !

ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष सप्तमी अर्थात सनातन संस्था के संस्थापक परात्पर गुरु डॉ. जयंत बाळाजी आठवलेजी का जन्मदिवस ! अखिल मनुष्यजाति के कल्याण हेतु तथा साधकों की रक्षा हेतु आध्यात्मिक स्तर पर कार्यरत गुरुदेवजी के चरणों में शरणागत होने का यह दिन !

सनातन संस्था के संस्थापक परात्पर गुरु डॉ. जयंत बाळाजी आठवलेजी के ७८ वें जन्मदिन के पावन अवसर पर उनके चरणों में कोटि-कोटि प्रणाम !

वैशाख कृष्ण पक्ष सप्तमी (१३ मई) को परात्पर गुरु डॉ. जयंत बाळाजी आठवलेजी ७७ वर्ष पूर्ण कर, ७८ वें वर्ष में पदार्पण कर रहे हैं ।   इस शुभावसर पर उनके चरणों में कोटि-कोटि प्रणाम !