चीन और तालिबान के बीच संबंध बहुत अच्छे नहीं हैं, तथापि वे कोई मार्ग निकालने का प्रयत्न कर रहे हैं ! – जो बायडेन
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बायडेन ने कहा, “अब तालिबान से कैसे निपटना चाहिए ?, यह सभी देश विचार कर रहे हैं ।
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बायडेन ने कहा, “अब तालिबान से कैसे निपटना चाहिए ?, यह सभी देश विचार कर रहे हैं ।
अफगानिस्तान के पंजशीर प्रांत पर नियंत्रण प्राप्त करने में पाकिस्तान द्वारा तालिबान की सहायता करने के लिए एक ड्रोन आक्रमण ने उनके गठबंधन को मुहर-बंद (सील) कर दिया है । इस पृष्ठभूमि पर डगलस लंदन बोल रहे थे ।
ऐसा आरोप लगाकर तालिबान और पाकिस्तान पर कुछ परिणाम नहीं होता और होगा भी नहीं ! उसकी अपेक्षा पाकिस्तान को नष्ट करने के लिए भारत ने कुछ प्रयास किए, तो वह उचित रहेगा !
२६ अगस्त को काबुल के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के बाहर इस्लामिक स्टेट के आतंकवादियों द्वारा किए गए दो बम विस्फोटों में १०० से अधिक लोग मारे गए हैं ।
‘भारत में भी तो ऐसा नहीं हुआ ?’ यह भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने जांचना आवश्क !
जो सर्वविदित है, वह बताने की अपेक्षा अमेरिका पाकिस्तान के विरोध में क्या करनेवाली है ?, यह बताना आवश्यक और अपेक्षित है !
२० वर्षों के संघर्ष के पश्चात भी अफगानिस्तान को तालिबान से मुक्त न कर पाने वाले अमेरिका की यह चेतावनी हास्यास्पद ही है !
ऐसे अंतर्राष्ट्रीय व्यासपीठ पर भारत पाक और चीन का नाम लेने में क्यों हिचकिचाता है ? ‘शत्रु देशों का नाम लेने में हिचकिचाने वाले उसको समाप्त कैसे करेंगे ?’ ऐसा प्रश्न जनता के मन में आने पर आश्चर्य क्या ?
चीन ने सुरक्षा परिषद के उप स्थायी प्रतिनिधि गेंग शुआंग ने यह चेतावनी दी है ।
साथ ही १ सहस्र ८०० लोग घायल हो गए हैं । भूकंप के कारण ८६० घर पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हो गए हैं, ७०० घरों की हानि हो गई है ।