तापमान के बढने से विश्व की आधी जनसंख्या सामूहिक आत्महत्या के मार्ग पर ! – संयुक्त राष्ट्र की चेतावनी !
प्रगति के नाम पर पर्यावरण का ह्रास करने का यह दुष्परिणाम है । प्रहार करने से प्रकृति अपना रूप दिखा ही देती है, यह बात मानव के ध्यान में आए एवं वह प्रकृति के अनुकूल वर्तन करे, वह सुदिन होगा !