न्यूयॉर्क (अमेरिका) में दो सिखों पर हमला !
भारत में मानवाधिकारों को लेकर चिंतित अमेरिका को अपने ही देश में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए अधिक ध्यान देना चाहिए !
भारत में मानवाधिकारों को लेकर चिंतित अमेरिका को अपने ही देश में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए अधिक ध्यान देना चाहिए !
‘यदि रूस ने आक्रमण किया, तो अमेरिका सहायता करेगा’, ऐसा कहनेवाली अमेरिका ने युद्ध आरंभ होने पर युक्रेन को अकेला छोड दिया ।
भारत में मुसलमानों पर कोई भी अत्याचार न होने पर विश्व स्तर पर भारत की अपकीर्ति करने के लिए ही इस प्रकार के आरोप किए जाते हैं, यह ध्यान में लें !
कहां हिन्दू देवताओं के नाम पर मार्गों का नामकरण करनेवाले पश्चिमी देश, और कहां स्वतंत्रता के ७४ वर्ष पश्चात भी आक्रमणकारी मुगल तथा अंग्रेजों के नाम पर मार्गाें का नामकरण करनेवाला हमारा भारत देश !
अमेरिकी लोग स्वयं को मानवतावादी तथा धर्मनिरपेक्षतावादी दिखाने हेतु ऐसे समाजद्रोही कृत्यों को प्रोत्साहित करते हैं । आनेवाला समय ही उनके ध्यान में इस के परिणाम लाएगा !
संयुक्त राज्य अमेरिका, पहले से ही संस्कृति और समाज को बर्बाद करने के नाम पर, अपने बच्चों के दिमाग पर समलैंगिकता थोपने वाला है। क्या आँख बंद करके उसकी नकल करने वाले भारतीय इससे कुछ सीखेंगे ?
भारत-रूस की रूस से दीर्घकाल मित्रता होने के कारण अमेरिका को बहुत ही कष्ट हो रहा है । इसिलिए अमेरिका ऐसे विधान कर भारत को डराने का प्रयास कर रहा है । यह भी कोई कहने की बात हुई । – संपादक वाशिंग्टन (अमेरिका) – रूस एवं चीन में बहुत गहरी मित्रता है । वर्तमान … Read more
पिछले २ वर्षों में अमेरिका में कोरोना के समय लगाए गए लॉकडाऊन के कारण २० लाख महिलाओं को नौकरी गंवानी पडी, साथ ही पुरुषों की बचत में भी ७ प्रतिशत की कमी आई, ऐसा एक सर्वे में देखने को मिला है ।
भारत सरकार द्वारा जो अपेक्षित था, वह संयुक्त राज्य अमेरिका के मानवाधिकार आयोग द्वारा किया गया ! यह आज तक शासन करनेवाले सर्वदलीय शासकों के लिए नितांत लज्जास्पद है, जिन्होंने अपनी आखों नर धर्मनिरपेक्षता का पर्दा लगा रखा है और हिन्दुओं के प्रति हुए जघन्न नरसंहार को शून्य मूल्य दिया !
किसी को पहले लडने के लिए प्रोत्साहित करना और बाद में प्रत्यक्ष युद्ध चालू होने के बाद उसे सहायता न करते हुए मरने के लिए छोडकर उसका विश्वासघात करना, ऐसा भारत ने कभी नहीं किया, भारत ने बायडेन को यह सुनाना चाहिए !