परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के ओजस्वी विचार

शोकांतिका !

(परात्पर गुरु) डॉ. आठवले

‘पहले घूस (रिश्वत) लेनेवाले को खोजना पडता था, अब घूस न लेनेवाले को खोजना पडता है !’

– (परात्पर गुरु) डॉ. आठवले