परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के ओजस्वी विचार

(परात्पर गुरु) डॉ. आठवले

‘हिन्दू राष्ट्र में (सनातन धर्म राज्य में) नियतकालिककों, दूरदर्शनवाहिनियों, जालस्थलों इत्यादि का उपयोग केवल धर्मशिक्षा तथा साधना के लिए किया जाएगा । इसलिए अपराध नहीं होंगे तथा सभी लोग भगवान के आंतरिक सानिध्य में रहने के कारण आनंदी रहेंगे ।’
– (परात्पर गुरु) डॉ. आठवले