चीन भारत के अलगाववादियों को और पाक को भारत के विरोध में सहायता कर रहा है । इसलिए भारत यदि चीन के अलगाववादियों की सहायता कर रहा हो, तो उसे उचित ही कहना पडेगा; परंतु चीन का सरकारी समाचार पत्र स्वयं का अपराध छुपाकर भारत पर आरोप लगा रहा है !
बीजिंग (चीन) – भारत चीन के ‘वन नेशन’ नीति का समर्थन करता है तथा ताईवान की स्वतंत्रता का समर्थन नहीं करता । इसलिए चीन भी भारत के अलगाववादियों की गतिविधियों का समर्थन नहीं करता । ताईवान और भारत के अलगाववादियों की गतिविधियां एक ही श्रेणी की हैं । भारत ने यदि ‘ताईवान कार्ड’ खेलने का प्रयत्न किया, तो चीन भी भारत के अलगाववादी गतिविधियों को समर्थन दे सकता है, ऐसी धमकी चीन के सरकारी समाचार पत्र ‘ग्लोबल टाइम्स’ ने दी है ।
Editor of Chinese propaganda machinery Global Times threatens India as Taiwan vows to have better ties with Indiahttps://t.co/lgJLlzkLuG
— OpIndia.com (@OpIndia_com) October 18, 2020
‘बीजिंग फॉरेन स्टडीज यूनीवर्सिटी’ के ‘एकेडमी ऑफ रिजनल एंड ग्लोबल गवर्नेन्स’ के वरिष्ठ शोधकर्ता लांग शिंगचुन ने ‘ग्लोबल टाइम्स’ में लिखे लेख में कहा है कि,
१. भारत के अनेक माध्यमों ने ताईवान के ‘राष्ट्रीय दिवस’ का विज्ञापन दिखाया है । एक वाहिनी ने विदेश मंत्री जोसेफ वू की भेंटवार्ता भी दिखाई है । इसलिए ताईवान के अलगाववादियों को बल मिला है । अब भारत द्वारा खेले जा रहे ‘ताईवान कार्ड’ का प्रत्युत्तर देने की चर्चा चीन में हो रही है ।
२. भारतीय सेना ने कहा है कि ढाई मोर्चाें पर लडने के लिए तैयार है । इसमें पाकिस्तान, चीन और चीन के अंतर्गत विद्रोह की ओर भारत का ध्यान है । चीन के अंतर्गत विद्रोह में अलगाववादी और आतंकवादी सम्मिलित हैं । भारत यदि ताईवान का समर्थन करता है, तो चीन भी भारत के त्रिपुरा, मेघालय, मिजोरम, मणिपुर, असम और नागालैंड आदि राज्यों की अलगाववादी गतिविधियों का समर्थन कर सकता है । ये राज्य भारत को स्वतंत्रता मिलने के उपरांत संघराज्य में समाविष्ट हुए हैं; परंतु इनमें से अनेक लोग स्वयं को भारतीय नहीं मानते । इसलिए इन स्थानों के अलगाववादियों द्वारा अलग देश की मांग की जाती है । इन अलगाववादियों ने चीन से भारत के विरोध में समर्थन मांगा है; परंतु भारत से मित्रता होने के कारण चीन ने अभी तक समर्थन नहीं दिया है । चीन अन्य देशों की अखंडता का सम्मान करता है । (चीन का झूठ ! इससे पहले ही सामने आया है कि ईशान्य भारत के आतंकवादी, अलगाववादी गतिविधियों को तथा नक्सलवादियों को चीन से शस्त्र और आर्थिक सहायता मिलती है ! – संपादक)