शिक्षक दिवस के उपलक्ष्य में सनातन संस्था द्वारा ‘विशेष ऑनलाइन प्रवचन’ संपन्न !
उत्तर प्रदेश – कोरोना महामारी के प्रादुर्भाव से उत्पन्न परिस्थिति के कारण शिक्षकों पर कार्यभार बढाया गया है । इसके कारण उनमें तनाव, भविष्य की चिंता, निराशा इत्यादि बढती जा रही है । ऐसे परिप्रेक्ष्य में सनातन संस्था की ओर से शिक्षक दिवस के उपलक्ष्य में ‘वर्तमान आपातकाल – सुरक्षित तथा आनंदमय जीवन हेतु अध्यात्म’ विषय पर ‘विशेष ऑनलाइन शिक्षक प्रवचन’ आयोजित हुआ । सनातन संस्था की साधिका श्रीमती प्राची जुवेकर ने ‘ऑनलाइन’ जुडे शिक्षकों को तनाव का अर्थ, बाह्य और आंतरिक तनाव से अवगत कराते हुए उन्होंने तनाव मुक्ति हेतु साधना ही आवश्यक है, यह बताया । साथ ही तनाव एवं चिंता मुक्ति के लिए स्वसूचना भी बताई गई ।
प्राचीन गुरुकुल व्यवस्था को नष्ट किए जाने के कारण ही शिक्षा क्षेत्र में भी इतना भ्रष्टाचार हो गया है । उन्होंने यह भी बताया कि मैकाले एवं वामपंथियों के प्रभाव के कारण आज बाबर, हुमायूं, अकबर का इतिहास पढाया जाता है, उस टीपू सुल्तान की जयंती मनाई जाती है जिसने हिन्दुआें पर अनगिनत अत्याचार किया । किंतु देश व धर्म के लिए त्याग करनेवाले महाराणा प्रताप, छत्रपति शिवाजी महाराज, तात्या टोपे, मंगल पांडे, वीर सावरकर के बारे में नहीं पढाया जाता । ऐसा इतिहास पढकर विद्यार्थियों के मन में देश और धर्म के प्रति अभिमान कैसे जगेगा । हमें एक ऐसी व्यवस्था का निर्माण करना है जो हमारे राष्ट्र और धर्म के अनुसार शिक्षा प्रदान करे । इसके लिए हम सभी को संगठित प्रयास करना है ।
इस प्रवचन में उत्तर एवं पूर्वोत्तर भारत के राज्य बिहार, झारखंड, असम, उत्तर प्रदेश, बंगाल से अनेक शिक्षक सम्मिलित हुए थे ।