चीन समर्थकों को भारत में रहने का अधिकार नहीं है !

‘१९६२ के युद्ध में भारत की भूमि चीन ने हडप ली, यह राष्ट्रीय अपमान है । इसे भूल जानेवालों को देश में रहने का क्या अधिकार है ?’

हिन्दू राष्ट्र में भारतीय भाषाओं को ही प्राथमिकता दी जाएगी !

‘हिन्दुओ, बच्चों को अंग्रेजी माध्यम की पाठशाला में मत पढाओ; क्योंकि हिन्दू राष्ट्र में भारतीय भाषाएं ही पाठशालाओं और सरकारी कामकाज का माध्यम बनेंगी !’

भगवान की विशेषता और मानव की सीमा !

‘भगवान ने मनुष्य को बनाया, जो उससे पुनः एकरूप हो सकता है । मानव ने अनेक चीजों का निर्माण किया; परंतु उनमें से एक भी पुनः मानव से एक रूप नहीं हो सकती ।’

ईश्वरप्राप्ति हेतु अनावश्यक सिद्ध होनेवाली आज की शिक्षापद्धति !

नामजप, सत्सेवा जैसे आध्यात्मिक कृत्य करने पर उनसे आध्यात्मिक स्तर पर उपचार होना, तन मन धन का त्याग होना, जैसे लाभ होते हैं । इससे मानवजन्म का मूल उद्देश्य ‘ईश्वरप्राप्ति करना’ साध्य करने में सहायता होती है । आजकल की शिक्षा में इन जैसी किसी भी कृति की शिक्षा नहीं दी जाती ।

विज्ञान की सीमा और अध्यात्म की अलौकिकता !

‘विज्ञान मानव जीवन को सुखी बनाने के लिए है; जबकि अध्यात्म मानव जीवन को आनंदमय करता है और ईश्वर प्राप्ति कराता है !’

गांधीवादियों की आत्मघाती अहिंसा !

‘राम और कृष्ण के युग में गांधीवादी होते, तो उन्होंने राम और कृष्ण को भी अहिंसावाद सिखाने का प्रयास किया होता । रावण और कंस को जीवित रखा होता और इससे हिन्दू नष्ट ही हो जाते !’

सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी के ओजस्वी विचार

मानव एकमात्र प्राणी है, जो केवल स्वयं के लिए जीता है । वह प्रकृति पशु-पक्षी एवं वनस्पति से निरंतर कुछ न कुछ लेता रहता है । मानव के स्वार्थ के कारण ही वह अन्य प्राणियों की तुलना में अधिक दुखी रहता है ।

सप्तर्षियों की कृपा प्राप्त करनेवालीं तथा बडी सहजता से ‘विश्वकार्य’ के स्तर तक पहुंचनेवालीं श्रीचित्शक्ति (श्रीमती) अंजली मुकुल गाडगीळजी !

अभी तक श्रीचित्शक्ति (श्रीमती) अंजली मुकुल गाडगीळजी ने आध्यात्मिक क्षेत्र में बहुत बडा कार्य किया है तथा इसके आगे भी उनके द्वारा बहुत बडा अद्वितीय एवं दैवीय कार्य होनेवाला है !