परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के ओजस्वी विचार
‘शारीरिक और मानसिक बल की अपेक्षा आध्यात्मिक बल श्रेष्ठ होते हुए भी हिन्दू साधना भूल जाने के कारण चुटकीभर धर्मांध और अंग्रेजों ने कुछ वर्षों में ही संपूर्ण भारत पर राज्यकिया अब वैसा पुन: न हो; इसलिए हिन्दुआें को साधना करना अत्यंत आवश्यक है ।’ – (परात्पर गुरु) डॉ. आठवले