चिकित्सालय से प्राणवायु की कालाबाजारी का आरोप !
बिहार सरकार को इन आरोपों की जांच करनी चाहिए तथा सच्चाई सामने लानी चाहिए !
पाटलिपुत्र (पटना, बिहार) – एक महिला के पति को कोरोना के कारण एक निजी चिकित्सालय में भर्ती कराया गया था । प्राणवायु की न्यूनता के कारण इसका काला बाजार यहां चल रहा था । इस महिला ने भी प्राणवायु खरीदने के लिए अधिक भुगतान किया ; परंतु उसके पति की मृत्यु कोरोना से हो गई । यह चिकित्सालय की दायित्व शून्यता के कारण भी है, ऐसा आरोप इस महिला ने एक समाचार चैनल को दिए साक्षात्कार में लगाया । उसने कहा, ‘जब मैं चिकित्सालय में अपने पति के साथ थी, तब मेरे सामने चिकित्सालय के चिकित्सकों ने एवं कुछ कर्मचारियों ने मेरे साथ छेडछाड की थी ।’ उसने यह भी कहा कि, पत्नी के साथ छेडछाड होते हुए भी उसका पति कुछ नहीं कर सकता था ।
१. महिला ने कहा कि, उसके पति को ज्वर के साथ ९ अप्रैल को एक निजी चिकित्सालय में भर्ती कराया गया था । उस समय वह उसके साथ थी । उसके उपरांत चिकित्सालय के एक कर्मचारी ने उससे छेडछाड की । उसके पति की स्थिति गंभीर हो गई तथा उन्हें दूसरे चिकित्सालय ले जाया गया । वहां उन्हें गहन चिकित्सा विभाग में रखा गया । कई रोगियों की वहां मृत्यु हो रही थी । चिकित्सक को पुकारते हुए एक रोगी गिर गया । उसके सिर पर चोट आई ; परंतु किसी ने उसकी ओर ध्यान नहीं दिया । उसने यह भी आरोप लगाया कि चिकित्सक एवं नर्स मोबाइल फोन पर फिल्में देख रहे थे।
२. महिला की बहन ने यह भी आरोप लगाया कि, चिकित्सालय में चिकित्सक एवं कर्मचारी उसे बुरी दृष्टि से घूर रहे थे । अनेक बार उन्होंने उसे छूने का भी प्रयास किया । चिकित्सालय में प्राणवायु की न्यूनता है, ऐसे बताते हुए चिकित्सालय स्वयं ही प्राणवायु के सिलेंडर ५० सहस्त्र रुपये में बेच रहा था ।