सनातन प्रभात > Post Type > राष्ट्र-धर्म विशेष > राष्ट्र-धर्म लेख > देवता को भोजन का नैवेद्य अर्पित कर उसे प्रसाद के रूप में ग्रहण करने और नैवेद्य अर्पित किए बिना भोजन ग्रहण करने में अनुभव हुआ अंतर > hindi_Pakshik_March13._Table hindi_Pakshik_March13._Table Share this on :TwitterFacebookWhatsapp Share this on :TwitterFacebookWhatsapp