राजस्‍थान एवं उत्तर प्रदेश के सनातन के युवा साधकों की १० वीं व १२ वीं में सफलता

जयपुर की कु. यशिका राठी को ९२.४ प्रतिशत गुण प्राप्‍त

जयपुर (राजस्‍थान) – यहां के सनातन संस्‍था के साधक श्री. ऋषि व श्रीमती आशा राठी की पुत्री कु. यशिका राठी ने १२ वीं (विज्ञान व गणित शाखा) की परीक्षा में ९२.४ प्रतिशत अंक प्राप्‍त किए हैं । इस सफलता के विषय में कु. यशिका ने बताया कि कम समय में अधिक पढाई गुरुदेवजी (परात्‍पर गुरू डॉ. आठवले) की कृपा से हो पाई । पढाई के समय जब भी निराशा आती, तो संतों का मार्गदर्शन याद आता कि ‘पढाई को सेवा मानकर करना चाहिए ।’ व मन शांत हो जाता । मां व छोटी बहन से सदैव साधना व पढाई का मार्गदर्शन मिलता रहता कि और अच्‍छा कैसे कर सकते हैं । समस्‍या बताने पर छोटी बहन हमेशा अच्‍छे से सुनकर मार्गदर्शन करती । ईश्‍वर व सभी सहायता करनेवाले परिवार जनों व मित्रों के प्रति कृतज्ञ हू्‌ं । आगे साधना व पढाई के प्रयास समर्पण भाव से होते रहे यही ईश्‍वर के चरणों में प्रार्थना है ।

सैदपुर की कु. अदिति जायसवाल ने प्राप्‍त किए ९३ प्रतिशत अंक

सैदपुर (उत्तर प्रदेश) – यहां के सनातन संस्‍था के साधक श्री. श्रीकांत जायसवाल की बेटी कुमारी अदिति जायसवाल को १० वीं कक्षा में ९३ प्रतिशत अंक मिले । कु. अदिति अपने विद्यालय में भी प्रथम आई । इस सफलता के बारे में अपने मनोगत में अदिति ने बताया कि ‘‘यह सफलता केवल गुरुदेवजी (परात्‍पर गुरू डॉ. आठवले) की कृपा से ही मिली है । मैं अध्‍ययन से पहले प्रार्थना करके आरंभ करती थी, जिससे मेरा मन अध्‍ययन में एकाग्र रहता था । मैं नित्‍य रात में नामजप करके सोती थी, परीक्षा से पूर्व भी प्रार्थना करके व भगवान श्रीगणेश का स्‍मरण करके लिखने के कारण गणेशजी व गुरुदेवजी की कृपा से यह संभव हो पाया । इसलिए मैं गुरुदेवजी के चरणों में कोटि-कोटि कृतज्ञता व्‍यक्‍त करती हूं । अभी मैं नियमित रूप से युवा सत्‍संग में भी जुडती हूं ।’’

गोरखपुर की कु. वंशिका श्रीवास्‍तव ने प्राप्‍त किए ८९ प्रतिशत अंक

गोरखपुर (उत्तर प्रदेश) – यहां की सनातन संस्‍था की साधिका श्रीमती मीनू श्रीवास्‍तव की बेटी कुमारी वंशिका श्रीवास्‍तव ने १० वीं कक्षा में ८९.८ प्रतिशत अंक प्राप्‍त किए हैं । इस सफलता के बारे में अपने मनोगत में कु. वंशिका ने बताया कि गुरूदेवजी (परात्‍पर गुरू डॉ. आठवले) के कारण ही यश प्राप्‍त हुआ है । ‘‘जब भी मैं पढने के लिए बैठती थी तब मैं गणेश भगवानजी तथा श्रीकृष्‍ण भगवान को प्रार्थना करती थी । जो विषय कठिन लगता है, उसकी पढाई करते समय यह भाव रखती थी कि गुरुदेवजी ही मुझसे सब याद करवाकर ले रहे हैं, वे मुझे विषय समझा रहे हैं । इसलिए मैं गुरुदेवजी के चरणों में कृतज्ञता व्‍यक्‍त करती हूं । परीक्षा में पेपर लिखने से पहले भी प्रार्थना करने के कारण जो पढाई की वह याद रहने में सहायता मिली । अभी मैं नियमित रूप से युवा सत्‍संग में भी जुडती हूं ।