तनाव की स्‍थिति से बाहर निकलने हेतु साधना करना आवश्‍यक ! – सद़्‍गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी, राष्‍ट्रीय मार्गदर्शक, हिन्‍दू जनजागृति समिति

हिन्‍दू जनजागृति समिति की ओर से आयोजित ‘ऑनलाइन’ अधिवक्‍ता सम्‍मेलन

देहली – हमारे देश के न्‍यायतंत्र में अधिवक्‍ताआें का योगदान अत्‍यंत महत्त्वपूर्ण है । कोरोना महामारी के चलते अधिवक्‍ताआें को भी आर्थिक एवं मानसिक तनाव का सामना करना पड रहा है । ऐसी स्‍थिति में ईश्‍वर का नामस्‍मरण करना चाहिए । उससे आत्‍मबल जागृत होकर मन सकारात्‍मक होता है और उससे हम तनाव की स्‍थिति से बाहर निकल सकते हैं । अपने साथ ही अपने परिवार को भी स्‍थिर बनाए रखने हेतु प्रयासरत रहकर आनेवाले कठिन काल का सामना करने के लिए तैयार रहना होगा । इसके लिए साधना कर स्‍वयं का आत्‍मबल बढाना आवश्‍यक है । हिन्‍दू जनजागृति समिति के राष्‍ट्रीय मार्गदर्शक सद़्‍गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी ने ऐसा मार्गदर्शन किया । हिन्‍दू जनजागृति समिति की ओर से २६ जुलाई को ‘बढता हुआ तनाव तथा उसके उपाय’ विषय पर ‘ऑनलाइन’ अधिवक्‍ता सम्‍मेलन संपन्‍न हुआ । इस सम्‍मेलन में वे ऐसा बोल रहे थे । इस सम्‍मेलन में देहली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्‍य प्रदेश एवं राजस्‍थान राज्‍य के अधिवक्‍ता ‘ऑनलाइन’ पद्धति से उपस्‍थित थे । सद़्‍गुरु डॉ. पिंगळेजी ने कहा, ‘‘हमारा मन ही तनाव का कारण होता है; परंतु हम अपने मन की बाह्यस्‍थिति को दोषी मानते हैं । ऐसी स्‍थिति में मन को स्‍वसूचनाएं देने से हम आजकल के तनाव की स्‍थिति से बाहर निकल सकते हैं । इस संकटकाल में ईश्‍वर की कृपा होना आवश्‍यक है । स्‍वसूचनाआें के साथ नामजप जैसा आध्‍यात्मिक उपचार करने से हम पर ईश्‍वर की कृपा होती है और उससे हम संकट पर निश्‍चित रूप से विजय प्राप्‍त कर सकते हैं ।’’ समिति के मध्‍य प्रदेश एवं राजस्‍थान राज्‍य समन्‍वयक श्री. आनंद जाखोटिया ने कार्यक्रम की प्रस्‍तावना और सूत्रसंचालन किया ।