पाकिस्तानी कर्मचारियों के पास मिला आधारकार्ड
भारतीय सेनाधिकारियों से मिलकर उनसे जानकारी प्राप्त करने का प्रयास
- भारत का पाकिस्तानी उच्चायोग बना गुप्तचरी का अड्डा ! पाकिस्तान से हो रही इस प्रकार की गुप्तचरी के कारण भारत को पाकिस्तान से सभी राजनैतिक संबंध तोड देने चाहिए !
- पाकिस्तानी अधिकारियों के पास भारतीय आधारकार्ड कैसे मिलता है ? भारतीय प्रशासन में राष्ट्रघाती लोगों की भरमार होने के कारण ही ऐसा होता है । अतः पहले ऐसे लोगों के विरुद्ध ही कार्यवाही होना आवश्यक !
नई देहली – देहली पुलिस विभाग के विशेष दल ने यहां के पाकिस्तानी उच्चायोग में कार्यरत २ कर्मचारियों को गुप्तचरी करने के आरोप में गिरफ्तार किया । आबिद हुसैन (आयु ४२ वर्ष) एवं ताहीर खान (आयु ४४ वर्ष) इन दोनों सहित उनका वाहनचालक जावेद हुसैन को भी गिरफ्तार किया गया है । आबिद और ताहीर ये दोनों भी पाकिस्तानी गुप्तचर संगठन आई.एस्.आई. के अधिकारी हैं । वे सीधे आई.एस्.आई. के संपर्क में थे । राजनैतिक दूतावास से संबंधित होते हुए भी पद की गरिमा के विसंगत कार्य करने के प्रकरण में भारतीय विदेश मंत्रालय ने उन्हें २४ घंटे के अंदर देश छोडकर जाने का आदेश दिया है ।
१. भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा को बाधा उत्पन्न करनेवाला कृत्य करने के कारण भारत ने इस संदर्भ में पाकिस्तान के पास विरोध प्रविष्ट किया है । इस प्रकरण में ऑफिशियल सिक्रेट विधि के अंतर्गत प्राथमिकी भी प्रविष्ट की गई है । सामान्य की भांति पाकिस्तान ने जासूसी के आरोपा अस्वीकार किए हैं । पाकिस्तान ने कहा है कि राजनैतिक अधिकारियों को बाहर निकालना विएन्ना अनुबंध का उल्लंघन है । (पहले स्वयं ही सभी अनुबंधों का उल्लंघन करना और ऊपर से भारत को अनुबंधों का स्मरण दिलाना, तो उल्टे चोर कोतवाल को डांटे जैसा ही है ! – संपादक)
२. आबिद और ताहिर खान फर्जी आधारकार्ड रखकर भारत में खुलेआम घूम रहे थे ।
वे स्वयं को उद्योगपति बताकर बताकर भारतीय सेनाधिकारियें से मिलकर जानकारी प्राप्त करने का प्रयास कर रहे थे । इसलिए, ये दोनों मिलिट्री इंटेलिजेन्स की दृष्टि में थे । ये दोनों एक सेना अधिकारी से अत्यंत संवेदनशील जानकारी प्राप्त करने के उद्देश्य से उसे मिलने गए थे । उसी समय उन्हें बंदी बना लिया गया । (२.६.२०२०)