उत्तर प्रदेश एवं बिहार के चिकित्सा क्षेत्र में कार्यरत धर्मनिष्ठों ने किया सहायता करने का निश्‍चय

आरोग्य साहाय्य समिति की ओर से आयोजित
ऑनलाइन बैठक में हिन्दू जनजागृति समिति का सहभाग

पू. नीलेश सिंगबाळ

     वाराणसी (उत्तर प्रदेश) – आरोग्य साहाय्य समिति की ओर से उत्तर प्रदेश एवं बिहार के चिकित्सा क्षेत्र से संबंधित धर्मनिष्ठों की संगणकीय प्रणाली द्वारा १० मई को ऑनलाइन बैठक संपन्न हुई । इस बैठक में कुल १७ डॉक्टर्स सहभागी थे । इस बैठक में धर्मनिष्ठों ने एकत्रित होकर जरूरतमंदों की सहायता करने का निश्‍चय किया । साथ ही रोगियों को साधना का महत्त्व बताकर उनका मनोबल बढाने की दृष्टि से प्रयास करना भी सुनिश्‍चित किया । इस ऑनलाइन बैठक में हिन्दू जनजागृति समिति के धर्मप्रचारक पू. नीलेश सिंगबाळजी एवं समन्वयक श्री. विश्‍वनाथ कुलकर्णी सहभागी हुए ।

     इस अवसर पर पू. नीलेश सिंगबाळजी ने बताया कि समाज में अधर्माचरण प्रबल होने से पाप बढ गया है । अतः समाज पर संकट आ रहे हैं । वर्तमान संकटकालीन घटनाओं का भी धर्मशास्त्रीय कारण हो सकता है । कोरोना की इस भीषण महामारी के प्रकोप में स्वयं का आध्यात्मिक बल बढाने हेतु नामजप करना आवश्यक है । आज अनेक रोगी मानसिक रोग से त्रस्त हैं । इस विषय में समाज में जागृति होना आवश्यक है ।

श्री. विश्‍वनाथ कुलकर्णी

     इस ऑनलाइन बैठक में बोलते हुए श्री. विश्‍वनाथ कुलकर्णी ने हिन्दू जनजागृति समिति के कार्य और आरोग्य साहाय्य समिति के उपक्रमों की जानकारी दी ।

क्षणिकाएं

१. इस ऑनलाइन बैठक में सहभागी वाराणसी के डॉ. अजय जायसवाल ने अंत में बताया कि रोगियों की चिकित्सा करते समय एक बार स्वयं को ही शारीरिक कष्ट होने के कारण वे भयभीत थे । इसके उपरांत उन्होंने प्रतिदिन एलोपैथिक औषधियों के साथ नामजपादि उपचार गंभीरता से करना आरंभ किया । इसके अंतर्गत उन्होंने प्रार्थना, नामजप, स्तोत्रपाठ एवं अग्निहोत्र करना आरंभ किया । इसके कुछ ही दिन पश्‍चात उनका भय और शारीरिक कष्ट अपनेआप दूर हुए और तब से उनके मन में साधना के प्रयासों के प्रति लगन और श्रद्धा में वृद्धि हुई ।

२. बिहार से इस ऑनलाइन बैठक में जुडे डॉ. राजीव कुमार सिन्हा ने बताया कि एक बार कुछ शारीरिक कष्ट आरंभ होने के कारण वे भी भयभीत हुए थे । तब उन्होंने सनातन संस्था के मार्गदर्शनानुसार नियमित नामजपादि अन्य उपचार करना आरंभ किया । उसके पश्‍चात उन्हें सूक्ष्म से श्रीकृष्णजी एवं श्री लक्ष्मीमाता के दर्शन हुए और अंततः डॉ. आठवलेजी की कृपा से ३ से ४ दिनों में उनके कष्ट घट गए । यह अनुभूति बताते समय वे बहुत आनंदित थे ।

३. प्रयागराज से ऑनलाइन बैठक में सहभागी डॉ. अभिषेक केसरवानी ने बताया कि ऐसी बैठकें नियमित रूप से होनी चाहिए तथा हमें आरोग्य साहाय्य समिति के इस दैवी कार्य में अधिकाधिक लोगों को जोडने के प्रयास करना चाहिए ।