श्रीरामजी को काल्पनिक घोषित करनेवाले कांग्रेस की दृष्टि मंदिर के स्वर्णाभूषण पर ?
मुंबई (महाराष्ट्र) – कांग्रेस के नेता तथा महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने हिन्दुओं के मंदिरों का सोना लेने का कुटिलतापूर्ण आवाहन किया है । जिस कांग्रेस ने भारत को सेक्युलर घोषित कर अल्पसंख्यकों के लिए विविध योजनाएं, हज यात्रा, इफ्तार और मौलानाओं के वेतन पर हजारों करोड रुपए खर्च किया और किसी भी मंदिर को एक रुपया भी नहीं दिया, साथ ही सर्वोच्च न्यायालय में प्रस्तुत शपथपत्र में प्रभु श्रीरामजी के काल्पनिक होने का उल्लेख किया; रामसेतु नामक किसी निर्माणकार्य का अस्तित्व न होने की बात कहकर रामसेतु तोडने का षड्यंत्र रचा था, उस हिन्दूविरोधी कांग्रेस को हिन्दुओं के मंदिरों से कोई लेना-देना नहीं है तथा मंदिरों के धन और सोने पर उनकी वक्र दृष्टि है । विगत 70 वर्ष तक देश में कांग्रेस के कार्यकाल में बोफोर्स, ऑगस्टा वेस्टलैंड, 2-जी, कॉमनवेल्थ खेल जैसे अनेक घोटालों में जनता के 4 लाख 82 हजार करोड रुपए लूटे जाने की बात आंकडों से स्पष्ट होती है । इस भ्रष्टाचार और काले धन की जांच होनी चाहिए, यह मांग क्यों नहीं की जाती ? मंदिरों का सोना लेने से पहले कांग्रेस के नेताओं द्वारा लूटा गया धन पहले वापस किया जाना चाहिए । हिन्दू जनजागृति समिति ने यह चेतावनी दी है कि यदि हिन्दुओं के मंदिरों का सोना लेने का प्रयास किया गया, तो उसका तीव्र विरोध किया
जाएगा ।
श्री. रमेश शिंदे ने आगे कहा है कि,
१. आज भारत में रक्षा एवं रेल मंत्रालय के पश्चात सर्वाधिक भूमि का स्वामित्व चर्च संस्थाओं के पास है । उसके पश्चात वक्फ बोर्ड लगभग 7 लाख एकड भूमि का स्वामी है । अजमेर दर्गा एवं निजामुद्दीन दर्गा में करोडों रुपए की संपत्ति जमा होती है । क्या कांग्रेस के नेता उनकी भूमि को नियंत्रण में लेने की मांग करेंगे ?
२. आज भारत में कार्यरत सामाजिक और धार्मिक संस्थाओं को एफसी आर् ए के माध्यम से हजारों करोड रुपए का चंदा मिल रहा है । हमने अप्रैल महीने में सरकार को पत्र लिखकर कोरोना महामारी के विरुद्ध संघर्ष में इस धन का उपयोग करने का अनुरोध किया है ।
३. आज देश भयंकर परिस्थिति में है, तो ऐसे में मंदिरों ने ही सबसे बडा कार्य किया है । मंदिरों ने कोरोना के विरुद्ध संघर्ष के लिए सरकारी कोष में करोडों रुपए जमा किए हैं । साथ ही जब मंदिरों में श्रद्धालुओं का आना-जाना बंद है; तो भी लाखों लोगों के लिए निःशुल्क अन्नदान चलाया जा रहा है । एक ओर मंदिरों से ये सभी कार्य चल रहे हैं, तो दूसरी ओर चर्च और मस्जिदों के संबंध में कुछ न बोलकर कांग्रेस ने हिन्दू मंदिरों के सोने पर वक्र दृष्टि रखकर अपना हिन्दूविरोध दिखा दिया है । कांग्रेस को हम यह चेतावनी देना चाहते हैं कि यदि मंदिरों का धन अथवा सोना लेने का कोई भी प्रयास किया गया, तो उसका तीव्र विरोध किया जाएगा ।