(कहता है) इस्लाम का विरोध करनेवाले जब खाडी देशों में आएं, तो उन्हें गिरफ्तार कर कारागृह में डालें ! – डॉ. जाकिर नाईक

आतंकियों का आदर्श डॉ. जाकिर नाईक का फतवा

  • कहां इस्लाम का विरोध करनेवाले खाडी देशो में आनेपर उन्हें गिरफ्तार करने की भाषा बोलनेवाला डॉ. जाकिर नाईक, तो कहां भारत में हिन्दुओं के विरुद्ध बोलनेवाले भारतीय को भी गिरफ्तार करने की मांग भी न करनेवाले हिन्दू !
  • इस्लामी देशों में इस्लाम के विरुद्ध बोलनेवालों के विरुद्ध कार्यवाही होती है; परंतु बहुसंख्यक हिन्दुओं के भारत में हिन्दू धर्म और उनके देवी-देवताओं के विरुद्ध बोलनेवालों के विरुद्ध कार्यवाही नहीं की जाती, इसे ध्यान में रखें !
  • हिन्दूद्वेषी चित्रकार म.फि. हुसैन के विरुद्ध अनेक शिकायतें प्रविष्ट होकर भी उसके विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं हुई और उसे खाडी देश कतार में भाग जाने दिया गया और वहां भी उसके विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं हुई, इसे ध्यान में रखें !
डॉ. जाकिर नाईक

     नई देहली – जिहादी आतंकियों का आदर्श डॉ. जाकिर नाईक ने फतवा निकालकर कहा है कि यदि कोई गैरमुसलमान सामाजिक माध्यमों के द्वारा इस्लाम के विरुद्ध लिखता हो अथवा इस्लाम का विरोध करता हो, तो जब वह इस्लामी देशों में आए, तब उसे तुरंत गिरफ्तार कर कारागृह में डालें । भारत में आर्थिक घोटालों के प्रकरण में देश से भागकर आजकल मलेशिया में रह रहा डॉ. जाकिर ने एक वीडियो प्रसारित कर यह फतवा निकाला है ।

इस वीडियो में डॉ. जाकिर द्वारा किया गया वक्तव्य

१. मैने यह सुना है कि कुवैत के एक अधिवक्ता ने यह आवाहन किया है कि खाडी देशों में यदि कोई इस्लाम का अनादर कर रहा हो, तो उसे चेतावनी दी जानी चाहिए । उसके पश्‍चात वह अधिवक्ता संबंधित व्यक्ति के विरुद्ध नियमों के अनुसार कार्यवाही करनेवाला है । (भारत में हिन्दू धर्म के विरुद्ध बोलनेवालों के विरुद्ध इस प्रकार कार्यवाही करनेवाले हिन्दू धर्मप्रेमी अधिवक्ते सर्वत्र कार्यरत हुए, तो हिन्दू धर्म की ओर कोई भी कुदृष्टि डालने का साहस नहीं दिखा पाएगा ! – संपादक)

२. यह अधिवक्ता जिनेवा में भी मानवाधिकार के संदर्भ में सूत्रों को उठाता है । मुझे लगता है कि खाडी देशों में इस्लाम के विरुद्ध बोलनेवाले लोग बहुत ही अल्प संख्या में होंगे । अतः मैं इस अधिवक्ता को यह सुझाव देना चाहता हूं कि केवल इस्लामी देशों में ही नहीं, अपितु भारत में भी जो लोग इस्लामपर प्रश्‍न उठाते हैं, उनकी भी जानकारी एकत्रित करनी चाहिए । भारत में इस्लामपर प्रश्‍न उठानेवाले अधिकतर लोग भाजपा से संबंधित हैं और वे पैसेवाले लोग हैं ।

३. अधिकांश भारतीय नेता अपना पैसा संयुक्त अरब अमीरात आदि खाडी देशों में रखते हैं । इन नेताओं में से आधे नेता इस्लामी अथवा खाडी देशों की यात्रा करते हैं । (यह जानकारी यदि सत्य हो, तो भारत सरकार को तुरंत इसकी जांच करनी चाहिए और यह कालाधन हो, तो उसे सरकार को अपने नियंत्रण में लेना चाहिए ! – संपादक)

४. मैं कुवैत के अधिवक्ता को यह सुझाव देना चाहता हूं कि उसे भारत के सभी गैरमुसलमानों की जानकारी एकत्रित करनी चाहिए । जब वे अगली बार खाडी देशों में आएंगे, तो उनके विरुद्ध प्राथमिकी प्रविष्ट कर गिरफ्तार करना चाहिए । यदि ऐसा ५ – १० लोगों के संदर्भ में किया गया, तो उसके सीख लेकर अन्य लोग इस्लाम के विरुद्ध बोलने का साहस नहीं दिखा पाएंगे । इसके कारण यदि सभी लोग नहीं सुधरे, तो न्यूनतम २५ प्रतिशत लोग तो सुधर जाएंगे और इस्लाम का अनादर करना बंद कर देंगे । (हिन्दुओं के विरुद्ध बोलनेवालों के विरुद्ध भी यदि इसी प्रकार से कार्यवाही की गई, तो हिन्दू धर्म के विरुद्ध बोलने का भी कोई साहस नहीं दिखा पाएगा ! – संपादक)

विद्वेष फैलाने के प्रकरण में डॉ. जाकिर नाईक के पीस टीवी पर ब्रिटेन में २ करोड ७५ लाख रुपए का आर्थिक दंड

     लंदन (ब्रिटेन) – हत्या करने हेतु भडकाकर विद्वेष फैलाने के प्रकरण में आतंकियों के आदर्श डॉ. जाकिर नाईक द्वारा संचालित दूरदर्शन वाहिनियां पीस टीवी एवं पीस टीवी उर्दू पर ब्रिटेन में २ करोड ७५ लाख रुपए का आर्थिक दंड लगाया गया है । प्रसारमाध्यमों पर दृष्टि रखनेवाली ब्रिटेन सरकार की संस्था ऑफकॉम ने यह आर्थिक दंड लगाया है । (१५.५.२०२०)