- एम्बुलेंस की तोडफोड
- पुलिसवाले और चिकित्सक घायल
पुलिसवाले और कितने दिन धर्मांधों द्वारा इस प्रकार मार खाते रहेंगे ? देश में अनेक स्थानों पर ऐसी घटनाएं घट रही हैं, तो क्या यह मान लें कि इन घटनाओं से कुछ न सीखनेवाले पुलिसवालों को धर्मांधों से मार खाना ही अच्छा लगता है ?
मुरादाबाद (उत्तर प्रदेश) – यहां के नवापुरा स्थित मस्जिद के निकटवर्ती क्षेत्र में कोरोना के संदिग्धों की जांच करने पहुंचे चिकित्सा दल और पुलिसवालों पर धर्मांधों ने आक्रमण किया । इसमें पुलिसवाले और चिकित्सक घायल हो गए हैं । इस समय धर्मांधों ने आपातकालीन वाहन को भी क्षति पहुंचाई तथा पुलिस वाहन के कांच भी तोडे । पुलिसवाले चिकित्सा दल को छोडकर वहां से भाग गए । (ऐसे भगौडे पुलिसवाले किस काम के ? स्वयं की रक्षा न करनेवाले पुलिसवाले जनता की रक्षा कैसे करेंगे ? – संपादक) इसलिए धर्मांधों ने एक चिकित्सक को पकड लिया । इस घटना की जानकारी मिलने पर जनपदाधिकारी और पुलिस अधीक्षक अपनी पुलिस दल को लेकर वहां पहुंचे और १० व्यक्तियों को हिरासत में लिया । इस मस्जिद के इमाम से पूछताछ की जा रही है ।
पुलिसवालों ने कहा है कि आक्रमण करनेवालों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के अंतर्गत कार्रवाई की जानेवाली है । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथजी ने तोडफोड करनेवालों से क्षतिपूर्ति करने का भी आदेश दिया है । कुछ दिन पूर्व यहां के चिकित्सालय में सरताज नामक व्यक्ति की मृत्यु कोरोना के कारण हो गई थी । वह जिस क्षेत्र में रहता था, कहीं वहां के लोगों को इसका संक्रमण तो नहीं हो गया है, इसकी जांच करने चिकित्सा दल नवापुरा क्षेत्र में गया था । उस समय यह घटना घटी ।
औरंगाबाद (बिहार) में भी चिकित्सा दल पर आक्रमण
औरंगाबाद स्थित एकौनी गांव में भी चिकित्सा उपचार करनेवाले दल पर गांववालों ने आक्रमण किया । उन्होंने चिकित्सकों और कर्मचारियों के साथ मारपीट की । उनका वाहन भी तोडा । (१६.४.२०२०)