अमेरिका का आयोग केवल यह कहकर नहीं रुके, अपितु अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाक पर कार्रवाई करने का प्रयास करे !
वॉशिंगटन (अमेरिका) – अमेरिका के अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग ने अपने ब्यौरे में कहा है कि पाक के कराची शहर की निजी संस्था सेलानी वेलफेयर इंटरनेशनल ट्रस्ट द्वारा कोरोना की पृष्ठभूमि पर लोगों को अनाज बांटा जा रहा है; परंतु उसे देते समय यह केवल मुसलमानों के लिए आरक्षित है, यह कहकर हिन्दू और ईसाईयों को देने में टालमटोल की जा रही है । ये दोनों समुदाय भूखे हैं । पाक सरकार को अल्पसंख्यकों की सहायता करनी चाहिए । धर्म के आधार पर भेदभाव कर उन्हें भूखा रखना निंदनीय है ।
१. आयोग के आयुक्त जॉनी मूर ने कहा कि पाक के प्रधानमंत्री इमरान खान को उनके देश के अल्पसंख्यकों को साथ लेकर आगे जाना चाहिए । उनके लिए यह एक अच्छा अवसर है । ऐसे संकटकाल में वे उनकी अनदेखी नहीं कर सकते । यदि वे ऐसा करेंगे, तो पाक में धार्मिक भेदभाव तथा धार्मिक हिंसा बढेगी ।
२. आयोग ने वर्ष २०१९ के ब्यौरे के आधार पर कहा है कि पाक में हिन्दू और ईसाईयों को धमकियां दी जा रही हैं । वे स्वयं को असुरक्षित मान रहे हैं । प्रशासकीय स्तर पर भी उनपर अत्याचार हो रहे हैं । उन्हें निरंतर सामाजिक बहिष्कार का भय सताता रहता है । (१६.४.२०२०)