SANATAN PRABHAT EXCLUSIVE : लोकसभा चुनाव में नोटा के आंकडों में ४ लाख १६ सहस्त्र वोटों का अंतर !

सनातन प्रभात ‘विशेष’

केंद्रीय चुनाव आयोग की उलझन !

मुंबई, २३ जून (समाचार) – केंद्रीय चुनाव आयोग के संकेतस्थल पर देश की राजनैतिक पार्टियों को कुल कितने वोट मिले ? यह प्रतिशत संख्यात्मक रूप से वृत्तों में दिया गया है। इसमें लोकसभा मतदाताओं के कुल वोटों में से ६३ लाख ७२ हजार २२० प्रतिशत ने नोटा का चुनाव किया; अथार्थ नोटा चुनने वालों की संख्या ०.९९ प्रतिशत रही । यद्यपी , देश के ३६ राज्यों में नोटा का उपयोग करने वालों का योग ६७ लाख ८८ हजार ४९२ आता है। इससे यह प्रश्न उत्पन्न हो गया है कि इन दो भिन्न भिन्न आंकड़ों में कौन सी संख्या सही है तथा कौन सी त्रुटिपूर्ण है । इन आंकड़ों में अंतर अल्प नही अपितु ४ लाख १६ हजार २७७ वोटों का है । इससे लोकसभा की को लेकर चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली को लेकर संदेह का वातावरण बन गया है ।

१.  केंद्रीय चुनाव आयोग की वेबसाइट पर प्रत्येक राज्य के प्रत्येक लोकसभा क्षेत्र में प्रत्येक उम्मीदवार को कितने वोट मिले, साथ ही प्रत्येक लोकसभा क्षेत्र में कितने लोगों ने नोटा का उपयोग किया, इसके आंकड़े दिए गए हैं।

देश में पार्टी द्वारा प्राप्त वोटों तथा नोटा के उपयोगकर्ताओं के आंकडे

२. केंद्रीय चुनाव आयोग की ओर से लोकसभा का आधिकारिक डेटा वेबसाइट पर सार्वजनिक कर दिया गया है ।

महाराष्ट्र में भी नोटा के अनुसार २ हजार ७६५ वोटों का अंतर !

महाराष्ट्र में पार्टी द्वारा प्राप्त वोटों व नोटा के उपयोगकर्ताओं के आंकडे

केंद्रीय चुनाव आयोग की वेबसाइटपर महाराष्ट्र में पार्टी-वार मतदान चक्र में दिखाया गया है। इसमें दिखाया गया है कि ४ लाख १२ हजार ८१५ मतदाताओं ने नोटा का उपयोग किया है । यद्यपी, महाराष्ट्र की ४८ लोकसभा सीटों पर नोटा का उपयोग करने वाले मतदाताओं का आंकड़ा जोड़ें तो यह संख्या ४ लाख १५ हजार ५८० होती है। अतार्थ महाराष्ट्र में नोटा को मिले वोटों के बीच २ हजार ७६५ वोटों का अंतर है ।

चुनाव अधिकारियों को नहीं पता !

दैनिक ‘सनातन प्रभात’ के एक प्रतिनिधि ने महाराष्ट्र के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय में जाकर चुनाव आयोग के अधिकारियों का ध्यान केंद्रीय चुनाव आयोग की वेबसाइट पर नोट वोटिंग में अंतर की ओर दिलाया । इस पर चुनाव अधिकारियों ने वहां पर जाकर सत्यापन किया तो पता चला। लेकिन ‘यह अंतर कैसे आया?’ उसके बारे में वह नहीं बता सके। अधिकारियों ने कहा, ”हम केंद्रीय चुनाव आयोग को इस बारे में सूचित करेंगे ।”

यदि नोटा के अनुसार उम्मीदवारों के वोटों की गिनती में अंतर है तो ?

यदि लोकसभा चुनाव में मतदाताओं को प्राप्त वोटों की संख्या में अंतर होता है, जैसे नोटा वोटिंग में अंतर है , तो निर्वाचित उम्मीदवारों की विजय या पराजय पर इसका प्रभाव पडने की संभावना को नकारा नहीं जा सकता है। इसलिए सामान्य नागरिक का कहना है कि आशा है कि चुनाव आयोग वोटों की गिनती में इस अंतर को लेकर स्पष्टीकरण देगा ।