पंढरपुर की पैदल यात्रा की अनुमति देने की मांग करने वाली याचिका उच्चतम न्यायालय ने नकार दी।

कोरोना के कारण पिछले वर्ष पंढरपुर की पैदल यात्रा रद्द की गई थी । इस वर्ष भी राज्य सरकार ने पैदल यात्रा को अनुमति नहीं दी; लेकिन प्रमुख १० यात्राओं को बस द्वारा जाने की अनुमति दी गई है ।

देश में वर्ष २०१४ से २०१९ के समय देशद्रोह के कुल ३२६ गुनाहों में केवल ६ लोगों को ही सजा ! – केंद्रीय गृह मंत्रालय की जानकारी

झारखंड में ४०, हरियाणा में ३१, बिहार, जम्मू-काश्मीर और केरल इन राज्यों में प्रत्येक में २५, कर्नाटक में २२, उत्तर प्रदेश में १७, बंगाल में ८, दिल्ली में ४, तो महाराष्ट्र, पंजाब और उत्तराखंड इन राज्यों में प्रत्येक में एक गुनाह प्रविष्ट किया गया ।

बकरी ईद के लिए कोरोना नियमों में ढील देने पर सर्वोच्च न्यायालय ने केरल की साम्यवादी सरकार से मांगा उत्तर !

केरल में साम्यवादी गठबंधन सरकार ने बकरीद के लिए कोरोना के नियमों में ढील दी है ।

(कहते हैं) ‘भारत द्वारा बनाए गए भवन तोड दिए जाएं !’ – पाकिस्तान की गुप्तचर संस्था की तालिबान को सूचना

पाकिस्तान तालिबान का उपयोग भारत विरोधी गतिविधियों के लिए करेगा, यह विभिन्न उदाहरणों से सिद्ध हो चुका है । इन दोनों के विरुद्ध आक्रामक नीति अपनाना भारत के लिए अनिवार्य है  !

(कहते हैं) ‘रात ९ बजे के बाद बाहर निकलने वाली महिला वैश्या होने पर उसे जान से मार देना चाहिए !’ – केरल के ‘इस्लामी विद्वान’ का फतवा

इस पर महिला आयोग, महिला मुक्ति संघठन आदि चुप क्यों ? मंदिर में प्रवेश के सूत्र पर महिलाओं के अधिकारों की याद दिलाने वाली तथाकथित स्त्रीवादी अब किस बिल में जाकर छिपी है ? कि इन सभी को यह महिलाओं का अपमान नहीं लगता ?

अफगानिस्तान के राजदूत की पुत्री का पाकिस्तान में अपहरण

जिस पाकिस्तान में इस्लामिक देशों के राजदूतों के बच्चे भी सुरक्षित नहीं हैं, वहां के अल्पसंख्यक सामान्य हिन्दुओं की दुर्दशा के संबंध में विचार न करना ही अच्छा है  !

(कहते हैं) ‘समाज फादर स्टेन स्वामी का ‘अमूल्य योगदान’ सदैव याद रखेगा !’ – झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के बडे़बोल

शहरी नक्सलवादी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या की साजिश में सहभागी होने के आरोपी फादर स्टेन स्वामी का कौन सा ‘योगदान’ झारखंड मुक्ति मोर्चा पार्टी के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ‘अनमोल’ लगता है ?, यह जनता को पता चलना चाहिए !

सर्वोच्च न्यायालय की चेतावनी के पश्चात उत्तर प्रदेश में कांवड यात्रा निरस्त  !

न्यायालय ने केंद्र सरकार, उत्तर प्रदेश तथा उत्तराखंड सरकारों को नोटिस जारी कर १९ जुलाई को अपना पक्ष प्रस्तुत करने के लिए कहा था । उत्तराखंड सरकार ने इस यात्रा की अनुमति नहीं दी थी ।