गोध्रा हत्याकांड प्रकरण
नई देहली – २७ फरवरी २००२ में गुजरात के गोध्रा में साबरमती एक्सप्रेस के डिब्बे जलाने के प्रकरण में आजीवन कारावास भोग रहे शौकत युसूफ, बिलाल अब्दुल्ला एवं सिद्दीकी को जमानत देने से सर्वोच्च न्यायालय ने अस्वीकार किया । सर्वोच्च न्यायालय का कहना है कि यह प्रकरण अत्यंत गंभीर है इसलिए जमानत अर्ज अस्वीकार कर दी । साबरमती एक्सप्रेस के डिब्बे जलाने के उपरांत गुजरात में विविध स्थानों पर दंगे हुए थे ।
सुप्रीम कोर्ट ने गोधरा ट्रेन कांड मामले में 3 दोषियों को जमानत देने से इन्कार कर दिया है. #GodharaTrainBurningCase #SupremeCourt https://t.co/R87EjG5Ba5
— AajTak (@aajtak) August 15, 2023
२७ फरवरी २००२ को मुसलमानों ने अयोध्या से आनेवाली साबरमती एक्सप्रेस के डिब्बे पर ज्वलनशील पदार्थ डालकर, उसे जला डाला था । कारसेवकों से भरे इस डिब्बे में छोटे बच्चे और महिलाओं सहित ५९ लोगों की मृत्यु हुई थी । इस प्रकरण में आरोपियों को विशेष न्यायालय द्वारा दिया गया आजीवन कारावास का दंड गुजरात उच्च न्यायालय ने कायम रखा था । तदुपरांत दोषियों ने सर्वोच्च न्यायालय में याचिका प्रविष्ट की थी । यह याचिका अब तक प्रलंबित है । न्यायालय ने कहा कि इस प्रकरण में गुजरात उच्च न्यायालय के निर्णय को आवाहन देनेवाली याचिका योग्य खंडपीठ के सामने रखी गई । २१ अप्रैल २०२३ को सर्वोच्च न्यायालय ने इसी प्रकरण में आजीवन कारावास का दंड भुगत रहे ८ दोषियों की जमानत स्वीकार की थी ।