पुणे के प्रसिद्ध तबलावादक तालयोगी ‘पद्मश्री’ पं. सुरेश तलवलकर तथा गायनगुरु पं. डॉ. विकास कशालकर द्वारा महर्षि अध्यात्म विश्‍वविद्यालय के संशोधन केंद्र को भेंट !

‘गंधर्व महाविद्यालय’ के निबंधक (रजिस्ट्रार) श्री. विश्‍वास जाधव तथा तबलावादक पं. अमोद दंडगे ने भी संशोधन केंद्र को भेंट दी

‘सनातन प्रभात’ नियतकालिक के विषय में जानकर लेते हुए बाईं ओर से पं. सुरेश तलवलकर, पं. डॉ. विकास कशालकर, श्री. विश्‍वास जाधव, पं. अमोद दंडगे तथा विषय बताते हुए सुश्री (कु.) तेजल पात्रीकर

फोंडा (गोवा) – पुणे के प्रसिद्ध तबलावादक तालयोगी ‘पद्मश्री’ पं. सुरेश तलवलकर, गायनगुरु पं. डॉ. विकास कशालकर, गंधर्व महाविद्यालय के निबंधक (रजिस्ट्रार) श्री. विश्‍वास जाधव तथा गोवा के तबलावादक पं. अमोद दंडगे ने १७ अप्रैल २०२३ को महर्षि अध्यात्म विश्‍वविद्यालय के संशोधन केंद्र का भ्रमण किया । इस अवसर पर विश्‍वविद्यालय की संगीत समन्वयक सुश्री (कु.) तेजल पात्रीकर (संगीत विशारद, आध्यात्मिक स्तर ६२ प्रतिशत ) ने संशोधन कार्य के विषय में जानकारी दी । सभी ने महर्षि अध्यात्म विश्‍वविद्यालय का पूरा कार्य जिज्ञासा से जान कर लिया । इस समय विश्‍वविद्यालय के सद्गुरु डॉ. मुकुल गाडगीळ ने इन मान्यवरों का सनातननिर्मित देवताओं की प्रतिमा देकर सम्मान किया ।

महर्षि अध्यात्म विश्‍वविद्यालय के संशोधन केंद्र का भ्रमण करने पर मान्यवरों ने कहे गौरवोद्गार !

१. पं. सुरेश तलवलकर तथा पं. डॉ. विकास कशालकर सभी कार्य तथा संशोधन केंद्र देखते हुए, समय अल्प होने का दुख व्यक्त कर रहे थे ।  उस समय उन्होंने कहा, ‘‘यहां सबकुछ अनुभव करने हेतु अधिक कालावधि के लिए यहां रहने आना चाहिए ।’’

२. पं. तलवलकर ने कहा, ‘‘यदि गोवा आने पर संशोधन केंद्र में न आते, तो हमारी बडी चूक होती । हम यहां आकर धन्य हो गए, ऐसा मुझे प्रतीत हो रहा है ।

३. श्री. विश्‍वास जाधव ने कहा, ‘‘मुझे यहां समय निकालकर निश्चित रूप से आना है ।’’

– सुश्री (कु.) तेजल पात्रीकर (संगीत विशारद, आध्यात्मिक स्तर ६२ प्रतिशत ), संगीत समन्वयक, महर्षि अध्यात्म विश्‍वविद्यालय, फोंडा, गोवा. (१८.४.२०२३)