पाक्षिक ‘सनातन प्रभात’ में प्रकाशित समाचारों की ओर १ – २ मिनट देखकर प्रयोग किया गया कि ‘मन को क्या प्रतीत होता है ?’ इन प्रयोगों से ध्यान में आया कि हत्या, बलात्कार, भ्रष्टाचार, दंगे इत्यादि रज-तमात्मक समाचारों से नकारात्मक स्पंदन प्रक्षेपित होते हैं । इन नकारात्मक स्पंदनों से पाठकों को कष्ट न पहुंचे; इस हेतु इस अंक से पाक्षिक ‘सनातन प्रभात’ के सभी पृष्ठों पर भगवान श्रीकृष्ण के नामजप का मंडल बनाना आरंभ कर रहे हैं । अध्यात्म में निहित – ‘शब्द, स्पर्श, रूप, रस, गंध एवं उनसे संबंधित शक्तियों का सहअस्तित्व होता है’, इस सिद्धांत के अनुसार देवता के नामजप में उस देवता की शक्ति सक्रिय रहती है । नामजप का मंडल बनाने के कारण उसमें व्याप्त चैतन्य से रज-तमात्मक समाचारों एवं लेखों से प्रक्षेपित नकारात्मक स्पंदन मंडल में बद्ध हो जाने से, उनके कारण पाठकों को कष्ट नहीं होगा । – संपादक
पाक्षिक ‘सनातन प्रभात’ राष्ट्र एवं धर्म पर हो रहे आघातों के संदर्भ में हिन्दुआें को अवगत कराकर उसके लिए उपाय भी बताता है । ऐसा करते समय आध्यात्मिक स्तर पर भी पाठकों का ध्यान रखा जाता है । इस घोर आपातकाल में भी साधकों, पाठकों, हितचिंतकों एवं विज्ञापनदाताआें का शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्तर पर ध्यान रखनेवाले ‘सनातन प्रभात’ नियतकालिक के संस्थापक-संपादक परात्पर गुरु डॉ. जयंत आठवलेजी के चरणों में कृतज्ञता !’ |