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केडगाव (जिला पुणे) – दौंड के पशुवधगृह को दी गई अनुमति रहित करने हेतु ह.भ.प. बंडातात्या कराडकर ने २० जून को भव्य मोर्चा निकालकर निषेध पंजीकृत करने की चेतावनी दी थी । उन्होंने राज्य सरकार को निवेदन देते हुए कहा था, ‘इस पशुवधगृह के कारण भीमा एवं इंद्रायणी नदियां अपवित्र हो जाएंगी । इस पशुवधगृह का रक्तमिश्रित पानी नदी के पात्रों में छोडा जाने से नदी का प्रदूषण बढ जाएगा तथा नागरिकों का स्वास्थ्य संकट में पड जाएगा ।’ वारकरियों की इस मांग की ओर सहानुभूतिपूर्ण रूप से देखकर सरकार ने इस पशुवधगृह को दी हुई अनुमति से रहित करने का निर्णय लिया है ।
Permission cancelled for mechanised slaughterhouse in Daund, Pune
✊H.B.P. Bandatatya Karadkar had warned of a huge protest march
Reportedly, a memorandum was given to the state administration stating that the slaughterhouse would pollute the Bhima and Indrayani rivers by… pic.twitter.com/lKX1L9cOoy
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) June 15, 2024
१. सभी हिन्दू धर्मीयों के आस्था के केंद्र भीमा नदी, चंद्रभागा नदी एवं श्री क्षेत्र सिद्धटेक गणपति मंदिर के समीप सबसे बडे शासकीय यांत्रिक पशुवधगृह को सरकार द्वारा सहमति दी गई थी ।
२. तभी हिन्दू, जैन, सिक्ख, बौद्ध एवं वारकरी संप्रदाय ने इसका तीव्र विरोध किया था । इस पशुवधगृह को सहमति देते समय दौंड शहर एवं आसपास रहनेवाले नागरिकों के मतों की अनदेखी की थी ।
३. इस पशुवधगृह को सभी स्तरों से होनेवाले तीव्र विरोध को देखते हुए सरकार द्वारा इस पशुवधगृह की अनमुति रहित की गई है । हिन्दू समाज एवं संगठनों ने सरकार के इस निर्णय का स्वागत किया है ।