देहली में शिक्षक दिन के उपलक्ष्य में विशेष कार्यक्रम
देहली – युवाओं को ऐसी तकनीकी शिक्षा मिले, जिससे वे नौकरी की जगह स्वयं जीविकोपार्जन कर सकें े। राष्ट्रीयता की भावना का विकास हो, ऐसे शिक्षा की आज आवश्यकता है ।
देहली – युवाओं को ऐसी तकनीकी शिक्षा मिले, जिससे वे नौकरी की जगह स्वयं जीविकोपार्जन कर सकें े। राष्ट्रीयता की भावना का विकास हो, ऐसे शिक्षा की आज आवश्यकता है ।
उत्तर प्रदेश – कोरोना महामारी के प्रादुर्भाव से उत्पन्न परिस्थिति के कारण शिक्षकों पर कार्यभार बढाया गया है । इसके कारण उनमें तनाव, भविष्य की चिंता, निराशा इत्यादि बढती जा रही है ।
कोलकाता (बंगाल) – हिन्दू राष्ट्र संगठक अधिवेशन के अंतर्गत पूर्व एवं पूर्वोत्तर भारत के धर्मप्रेमियों के लिए गुटचर्चा का आयोजन किया गया । इस गुटचर्चा में झारखंड, बंगाल, असम, त्रिपुरा, इन राज्यों से धर्मप्रेमी सम्मिलित हुए थे ।
वाराणसी (उ.प्र.) – सनातन संस्था की ओर से पितृपक्ष के उपलक्ष्य में ९ वर्ष से १३ वर्ष की किशोर अवस्था के बच्चों के लिए पितृपक्ष से संबंधित धर्मशास्त्र पर आधारित ‘ऑनलाइन’ बालसत्संग का आयोजन किया गया ।
पितृपक्ष के उपलक्ष्य में बिहार के सोनपुर में १ और पटना जनपद में १ ‘ऑनलाइन’ प्रवचन का आयोजन किया गया ।
कोलकाता (बंगाल) – ‘भारत वर्ष वैकुंठ का प्रांगण है’, ऐसा शास्त्र वचन है । अन्य स्थानों पर जन्म व्यर्थ है एवं यातायात भी निष्फल है; परंतु भारत वर्ष में जन्म लेना सार्थक है ।
वाराणसी (उ.प्र.) – हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से उद्योगपतियों के लिए ‘ऑनलाइन’ सत्संग का आयोजन किया गया । इस सत्संग में हिन्दू जनजागृति समिति के धर्मप्रचारक संत पूज्य नीलेश सिंगबाळजी ने बताया कि ‘‘पितृऋण से मुक्त होने के लिए पितृपक्ष में श्राद्ध अवश्य करना चाहिए ।
कोरोना काल में आपद़्धर्म में बताए अनुसार श्राद्धविधि कर पितृऋण से मुक्त हो सकते हैं ! – श्री. शंभू गवारे हिन्दू जनजागृति समिति, पूर्व एवं पूर्वोत्तर भारत गुवाहाटी (असम) – ‘कोरोना महामारी के आपातकाल में आपद्धर्म में बताए अनुसार श्राद्धविधि कर पितृऋण से मुक्त हो सकते हैं’, ऐसा प्रतिपादन हिन्दू जनजागृति के समिति के पूर्व … Read more
यह है धर्मांध ईसाईयों की उद्दंडता ! इससे ‘प्रेम एवं शांति’ की बातें करनेवाले धर्मांधों का वास्तविक चेहरा सामने आता है ! ऐसे धर्मांध ईसाई भारत की अखंडता के लिए संकट हैं, यह समझें !
अयोध्या (उत्तरप्रदेश) – राममंदिर भूमिपूजन के समारोह के उपलक्ष्य में आयोजित तीन दिवसीय अनुष्ठान के प्रथम दिन श्री गणेशपूजन और सीतामाता व भगवान श्रीराम की कुलदेवी का पूजन किया गया ।