कोरोना महामारी के कारण उत्‍पन्‍न आपातकालीन स्‍थिति में दीपावली कैसे मनाएं ?

 ‘इस वर्ष १३ से १६ नवंबर की अवधि में दीपावली है । कोरोना महामारी की पृष्‍ठभूमि पर लागू की गई संचार बंदी यद्यपि उठाई जा रही है तथा जनजीवन पूर्ववत हो रहा है, तथापि कुछ स्‍थानों पर सार्वजनिक प्रतिबंधों के कारण सदैव की भांति दीपावली मनाना संभव नहीं हो पा रहा है । ऐसे स्‍थानों पर दीपावली कैसे मनाएं, इससे संबंधित कुछ उपयुक्‍त सूत्र और दृष्‍टिकोण यहां दे रहे हैं ।

दीपावली पर्व पर देवता-तत्त्व आकृष्‍ट एवं प्रक्षेपित करनेवाली रंगोलियां बनाना !

‘सनातन हिन्‍दू संस्‍कृति में रंगोली का अपना एक अलग ही महत्त्व है । उसके मूल में शुद्ध शास्‍त्रीय दृष्‍टिकोण है । रंगोली, देवता-तत्त्व आकृष्‍ट करनेवाली सात्त्विक आकृतियों की सहायता से बनाने पर, वहां संबंधित देवता के तत्त्व भी आकृष्‍ट होते हैं ।

दीप जलाने का आध्‍यात्मिक महत्त्व

दीपावली काल में सूर्य दक्षिणायन रहते हैं । इसलिए, सूर्यास्‍त शीघ्र होकर धरा पर अंधेरा फैल जाता है । अज्ञान के प्रतीक इस अंधकार का नाश कर ज्ञान का प्रतीक तेज प्रक्षेपित करने के लिए दीपावली काल में सर्वत्र दीप जलाते हैं ।

शरीर को उबटन लगाने की पद्धति

स्‍वयं को उबटन लगाना : माथा (भालप्रदेश) : माथे पर स्‍वयं लगाते समय बीचवाली तीन उंगलियों का उपयोग कर बाईं ओर से दायीं ओर लगाते जाएं । हाथ और पैर : हाथ की उंगलियां घुमाते हुए पैरों और हाथों पर ऊपर से नीचे की दिशा में उबटन लगाएं ।

दीपावली का वैश्विक स्वरूप !

‘घर-घर आनंद का बंदनवार बांधनेवाली भारत की दीपावली अब विदेशों में भी चैतन्‍य की वर्षा कर रही है । अब दीपावली सीधे अमेरिकी राष्‍ट्रपति के घर तक पहुंच गई है, तो इंग्‍लैंड की सडकों पर भी उसकी धूम दिखाई देती है ।

करक चतुर्थी (करवा चौथ) तिथि : कार्तिक कृष्‍ण पक्ष चतुर्थी (४ नवंबर)

इस व्रत में शिव-पार्वती, स्‍वामिकार्तिक और चंद्रमा का पूजन कर, करवा (नैवेद्य का पक्‍कान्‍न) अर्पण करते हैं । इस व्रत को विशेषकर सौभाग्‍यव्रती स्‍त्रियां अथवा नवविवाहिता रखती हैं और नैवेद्य के १३ करवे, १ लोटा, १ वस्‍त्र और १ विशेष करवा पति के माता-पिता को देती हैं । व्रती ‘ॐ नमः शिवाय’ से शिव तथा … Read more

छठ पूजा (२० नवंबर)

छठ पूजा कार्तिक शुक्‍ल पक्ष की षष्‍ठी को मनाई जाती है । यह चार दिवसीय त्‍योहार होता है जो चतुर्थी से सप्‍तमी तक मनाया जाता है । इसे कार्तिक छठ पूजा कहा जाता है । इसके अतिरिक्‍त चैत्र माह में भी यह पर्व मनाया जाता है जिसे चैती छठ पूजा कहते हैं ।

दिल्ली में नवरात्रि के अवसर पर ऑनलाइन प्रवचन

देहली – सनातन संस्‍था एवं हिन्‍दू जनजागृति समिति द्वारा नवरात्रि के अवसर पर एक ऑनलाइन साधना सत्‍संग का आयोजन किया गया । सत्‍संग में श्रीमती माला कुमार ने नवरात्रि का महत्त्व, उपासना के बारे में बताया ।

शरद पूर्णिमा(कोजागरी पूर्णिमा) ३० अक्‍टूबर को मनाएं !

‘शुक्रवार, ३०.१०.२०२० को सायंकाल ५.४६ के पश्‍चात ‘शरद पूर्णिमा’ प्रारंभ हो रही है । इस वर्ष ‘अधिक अश्‍विन मास’ होने के कारण अश्‍विन पूर्णिमा को ‘शरद पूर्णिमा (कोजागरी पूर्णिमा)’ है ।

शारदीय नवरात्रि : नवरात्रि में देवीपूजन कैसे करें ?

नवरात्रोत्‍सव मनाने का अर्थ है अखंड प्रज्‍वलित नंदादीप के माध्‍यम से नौ दिन आदिशक्‍ति की पूजा करना । नवरात्रि में वायुमंडल देवी की शक्‍तिरूपी तेजतरंगों से पूरित रहता है । दीप तेज का प्रतीक है । अत: दीप की ज्‍योति की ओर ये तेजतरंगें आकर्षित होती हैं ।